नई दिल्ली. आखिरकार भाजपा के तमाम बड़े नेता नरेंद्र मोदी की
टीम में शामिल हो गए हैं। शुक्रवार को पार्टी ने मोदी की अध्यक्षता में 11
सदस्यीय केंद्रीय चुनाव समिति और इसके सहयोग के लिए 20 चुनाव समितियों की
घोषणा की। इनमें कुल 87 नेता शामिल हैं। अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण
आडवाणी और राजनाथ सिंह मार्गदर्शक की भूमिका में होंगे। आम चुनाव के साथ ये
समितियां इसी साल 5 राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए भी
रणनीति बनाएंगी।
समितियों का ऐलान करते हुए अनंत कुमार ने साफ कर दिया कि पार्टी का
चुनाव अभियान अगस्त से रैलियों के साथ शुरू हो जाएगा। इस तरह की कुल 100
रैलियां करने की योजना है। वहीं कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूपीए को बेनकाब
करने के लिए भाजपा 9 नाकामियों वाला आरोप पत्र भी तैयार करेगी।
33 फीसदी कोटा संघ का
महिलाएं सिर्फ 17 प्रतिशत
केंद्रीय चुनाव समिति और २० उप समितियों में शामिल 87 नेताओं में से
29 नेता सीधे संघ की धारा से आते हैं। यानी करीब 33 प्रतिशत। समितियों में
15 महिलाएं भी हैं यानी
महज 17.२५ प्रतिशत।
वन बूथ, टेन यूथ
यानी पार्टी हर बूथ के लिए 10 कार्यकर्ताओं की टीम बनाएगी। इनके जिम्मे होगा हर वोटर को बूथ तक लाना और उनका वोट सुनिश्चित करना।
सोशल मीडिया समिति
545 में से १८५ सीटों पर ९.१६ करोड़ वोटर सोशल मीडिया से जुड़े हैं।
इन्हें पार्टी से जोडऩे के लिए पहली बार किसी दल ने कोई समिति बनाई है।
इनकी भूमिका पार्टी निर्णायक मान रही है।
१०० रैलियां
चुनाव पूर्व माहौल बनाने के लिए भाजपा 100 रैलियां करेंगी। हर रैली में भीड़ खींचने वाले पार्टी के नेेता शामिल होंगे।
संघ के हस्तक्षेप के बाद माने दिग्गज
नई दिल्ली. टीम मोदी में जिम्मेदारी लेने और देने दोनों को
लेकर मामला अटका हुआ था। असली दिक्कत वरिष्ठ नेताओं को लेकर थी, जो अभियान
समिति के प्रमुख नरेंद्र मोदी की अगुआई में तकनीकी और अन्य वजहों से काम
करने में कठिनाई महसूस कर रहे थे। वरिष्ठ नेताओं ने यह फॉर्मूला दिया था कि
उनकी जिम्मेदारी अभियान समिति के मुखिया की जगह सीधे पार्टी अध्यक्ष के
प्रति होनी चाहिए ताकि तकनीकी दिक्कत (वरिष्ठता) पेश न आए। लेकिन राष्ट्रीय
स्वयंसेवक संघ के हस्तक्षेप और बातचीत के बाद यह तय हुआ कि जिम्मेदारी
व्यक्ति विशेष की जगह चुनाव अभियान समिति के प्रति होगी जिसके सभी लोग
हिस्सा हैं। मोदी सहित और सभी समितियां तकनीकी रूप से पार्टी अध्यक्ष
राजनाथ सिंह के सहयोगी हैं।
ऐसा रहेगा भाजपा की चुनाव अभियान समितियों का स्वरूप
12 सदस्यीय केंद्रीय चुनाव अभियान समिति : प्रमुख नरेंद्र मोदी। सदस्य
होंगे, डॉ. मुरली मनोहर जोशी, वेंकैया नायडू, नितिन गडकरी, अरुण जेटली,
सुषमा स्वराज, अनंत कुमार, थावरचंद गहलोत, रामलाल, शिवराज सिंह चौहान, डॉ.
रमन सिंह और मनोहर पर्रीकर।
20 उप समितियां चुनाव समिति को मदद करेंगी
1. घोषणा पत्र समिति : अध्यक्ष मुरली मनोहर जोशी। सदस्य, जसवंत सिंह,
यशवंत सिन्हा, प्रेम कुमार धूमल, सुशील कुमार मोदी, जुएल उरांव, विजय कुमार
मल्होत्रा, लक्ष्मी कांता चावला, सत्यपाल मिलक, बंडारू दत्तात्रेय, विजया
चक्रवर्ती, सत्य नारायण जटिया, शाहनवाज हुसैन, महेश चंद्र शर्मा, कंचन
गुप्ता और षणमुखनाथन।
2. विजन डॉक्यूमेंट कमेटी : अध्यक्ष नितिन गडकरी। साथ में ओमप्रकश कोहली, विनय सहस्त्रबुद्धे और प्रो. हरी बाबू।
3. प्रचार एवं प्रसिद्धि समिति : कमान सुषमा स्वराज और अरुण जेटली को। साथ में अमित शाह और सुधांशु त्रिवेदी।
4. रैली समिति : कमान अनंत कुमार और वरुण गांधी को।
5. संसदीय सम्मेलन समिति : अध्यक्ष थावरचंद गहलोत। सदस्य, जेपी नड्डा, पुरुषोत्तम रुपाला, विनोद पांडे और एल. गणेशन।
6. वर्गवार सम्मेलन समिति : अध्यक्ष मुरलीधर राव। साथ में विनय
कटियार, श्याम जाजू, कृष्ण दास, लुईस मरांडी, विजय सोनकर शास्त्री और
महेंद्र पांडे।
7. नव मतदाता अभियान समिति : अध्यक्ष, अमित शाह। सदस्य, नवजोत सिंह सिद्धू, त्रिवेन्द रावत और पूनम महाजन।
8. पारंपरिक अभियान समिति : अध्यक्ष स्मृति ईरानी। साथ में कैप्टन अभिमन्यु और वाणी त्रिपाठी।
9. बुद्धिजीवी सम्मेलन और फ्रेंडशिप ऑफ बीजेपी : अध्यक्ष राजीव प्रताप रूडी। साथ में प्रकाश जावड़ेकर और तमिल ईसाई।
10. विशेष संपर्क समिति : अध्यक्ष नितिन गडकरी। साथ में उमा भारती,
डॉ. सीपी ठाकुर, डॉ. जेके जैन, मृदुला सिन्हा, कलराज मिश्रा, किरण
माहेश्वरी।
11. चुनावी संगठन : अध्यक्ष रामलाल। साथ में वी. सतीश और सौदान सिंह।
12 . यूपीए के खिलाफ चार्जशीट कमेटी : अध्यक्ष गोपीनाथ मुंडे। साथ में
रविशंकर प्रसाद, आरती मेहरा, किरीट सोमैया, निर्मला सीतारमन और मीनाक्षी
लेखी।
13. इंफॉर्मेशन कम्युनिकेशन कैंपेन : पीयूष गोयल।
14 . जन समीक्षा और जनभागीदारी : अध्यक्ष धमेंद्र प्रधान। साथ में रामेश्वर चौरसिया, मनोहर लाल खट्टर और नलिन कोहली।
15. साहित्य निर्माण समिति : अध्यक्ष बलबीर पुंज। साथ में प्रभात झा, विनय सहस्त्रबुद्धे और सुधा मलैया।
16. कार्यक्रम एवं यातायात समिति : अध्यक्ष मुख्तार अब्बास नकवी। साथ में अनिल जैन और अरुण सिंह।
17. उत्तर-पूर्व अभियान समिति : अध्यक्ष एसएस अहलूवालिया। साथ में तापिर गांव, पद्मनाभ आचार्य और किरण रिज्जू।
18. विधि समिति : अध्यक्ष सतपाल जैन। साथ में भूपेंद्र यादव, रामकृष्ण और पिंकी आनंद।
19. बूथ समिति संकलन : अध्यक्ष राजीव प्रताप रूडी। साथ में सुधा यादव और रेणू कुशवाहा।
20: विशेष : वेंकैया नायडू के जिम्मे रैलियों के आयोजन, संसदीय
सम्मेलन, बुद्धिजीवी सम्मेलन और फ्रेंड्स ऑफ बीजेपी समिति का भी काम होगा।
21: नितिन गडकरी के जिम्मे विजन डॉक्यूमेंट के साथ विशेष संपर्क, वर्गवार सम्मेलन और नए मतदाता अभियान समिति का भी जिम्मा होगा।
4 मुद्दों ने अटका रखा था ऐलान
समस्या यहां थी
१. बड़े नेता मोदी के प्रति जिम्मेदार होंगे या पार्टी अध्यक्ष के प्रति?
२. घोषणा पत्र या विजन डक्यूमेंट में अभियान समिति के मुखिया की मुहर जरूरी है या फिर सुझाव मात्र?
३. आम सहमति न बनने पर अंतिम फैसला कौन करेगा?
४. समिति सदस्यों की नियुक्ति या बदलाव किसकी स्वीकृति से होंगे?
समाधान ये निकला
१. मोदी सहित पूरी अभियान समिति पार्टी अध्यक्ष के प्रति जिम्मेदार होगी।
२. मोदी की भूमिका सलाहकार की होगी। उनकी सलाह पर अंतिम मुहर पार्टी अध्यक्ष लगाएंगे।
३. पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह का फैसला अंतिम होगा।
4. करेंगे मोदी ही। सहमति पार्टी अध्यक्ष से लेनी होगी।
ये समितियों की राजनीति है
1. जिन्हें मोदी को रिपोर्ट करने में दिक्कत हो सकती थी, उन ज्यादातर
बड़े नेताओं को घोषणा पत्र समिति में एक साथ रख दिया। जैसे मुरली मनोहर
जोशी, जसवंत सिंह, यशवंत सिन्हा, प्रेम कुमार धूमल, बंडारू दत्तात्रेय आदि।
2. प्रचार समिति में सुषमा स्वराज को प्रमुख तो बनाया लेकिन जेटली को
भी बराबरी पर रखा। दोनों के बीच विवाद हो तो जासूसी के लिए इसी कमेटी में
अमित शाह को भी
रख दिया। नव मतदाता समिति का अध्यक्ष भी अमित शाह को बनाया।
3. दिल्ली विधानसभा चुनाव का जिम्मा पूर्व अध्यक्ष नितिन गडकरी को
सौंपा। लेकिन साथ में लगा दिया सिद्धू को। ताकि सिक्ख वोट भी बने रहें और
मोदी खेमा (वाया जेटली) भी सक्रिय रहे।
सभी करेंगे मोदी को रिपोर्ट
यह संशय हर तरफ है कि बड़े नेता मोदी को रिपोर्ट करेंगे या पार्टी
अध्यक्ष को? जवाब पार्टी की ही विज्ञप्ति में है। जिसमें साफ लिखा है कि
नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली केंद्रीय चुनाव समिति में तीनों पूर्व
अध्यक्ष, लोकसभा-राज्यसभा के नेता प्रतिपक्ष और तीन मुख्यमंत्री
(मप्र-छग-गोवा) शामिल हैं।
नई चुनौती
मोदी पर बोले उद्धव, हमारे पास कई चेहरे पीएम पद पर मोदी की दावेदारी
के सवाल पर शिव सेना के उद्धव ने अड़ंगा सा लगा दिया। उन्होंने कहा हमारे
पास कई भरोसेमंद चेहरे हैं। वक्तआने पर देश को भरोसेमंद चेहरा दिया जाएगा।
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