जयपुर। केंद्र सरकार की ओर से लाए गए खाद्य सुरक्षा अध्यादेश को कांग्रेस आने वाले विधानसभा चुनाव में प्रचार के केंद्र बिंदु में रखते हुए इसे पूरी तरह से भुनाएगी। इसके प्रचार-प्रसार की जिम्मेदारी कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्षों को दी गई।कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को दिल्ली में कांग्रेस शासित राज्यों के प्रदेशाध्यक्षों की बैठक में निर्देश दिए हैं कि इस अध्यादेश को लेकर विपक्ष की ओर से लगाए जा रहे आरोपों का मजबूती से जवाब दिया जाए।
साथ ही, चुनाव को देखते हुए इस अध्यादेश की भावना को आमजन तक पहुंचाया जाए। राहुल गांधी ने ढाई घंटे तक चली इस बैठक में परोक्ष रूप से चुनाव के दौरान फायदा लेने की सलाह दी है। राहुल गांधी ने खाद्य सुरक्षा अध्यादेश के बारे में बारीकी से जानकारी देने के साथ ही बैठक में मौजूद लोगों की जिज्ञासा को शांत भी किया।
राहुल गांधी ने बैठक में कहा कि चुनाव के कारण जनोपयोगी योजना को लेकर विपक्ष इसका दुष्प्रचार कर रहा है। इससे लोगों में संदेश ठीक नहीं जा रहा है, इसलिए प्रदेशाध्यक्षों को जिला और ब्लॉक अध्यक्षों तक इस बात को जल्द पहुंचाकर आम लोगों तक पहुंचाने की जिम्मेदारी दी गई है। बैठक में कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव जनार्दन द्विवेदी, केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश और पी.के. थॉमस भी मौजूद थे।
राहुल की बैठक में तय होंगे टिकट के मानदंड
जयपुर. विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर राहुल गांधी 31 जुलाई को राजस्थान के नेताओं की विशेष बैठक लेंगे। इस बैठक को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। बैठक में विधानसभा चुनाव के लिए टिकट देने की प्रक्रिया और इसके लिए मानदंड तय किए जाएंगे। इस बैठक में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. चंद्रभान, केंद्र में राजस्थान का प्रतिनिधित्व करने वाले मंत्री और संगठन के प्रमुख लोगों को शामिल होने के निर्देश दिए गए हैं।
राहुल गांधी इस बैठक में विधानसभा चुनाव की रणनीति पर विशेष रूप से चर्चा करेंगे। कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और प्रदेश प्रभारी गुरुदास कामत की ओर से लिए फीडबैक की रिपोर्ट राहुल गांधी को दे दी गई है। इस फीडबैक और विधानसभा क्षेत्रों के लिए संभावित प्रत्याशियों को पैनल भी राहुल तक पहुंचा दिए गए हैं। इन पैनलों को ध्यान में रखते हुए ही इस बैठक में प्रत्याशी चयन के मापदंड तय किए जाएंगे। मुख्यमंत्री और प्रदेशाध्यक्ष के साथ केंद्र में राजस्थान का प्रतिनिधित्व करने वाले मंत्रियों से भी इस बैठक में राय ली जाएगी।
लोकसभा का भी लक्ष्य
कांग्रेस के ही सूत्र इस बात को बार-बार दोहरा रहे हैं कि कांग्रेस आलाकमान विधानसभा के साथ लोकसभा के चुनाव को भी मानकर तैयारी कर रहे हैं। कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव मधुसूदन मिस्त्री ने चार-पांच माह पहले ही लोकसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए सर्वे कर लिया था। लोकसभा प्रत्याशियों और क्षेत्र के बारे में मिले फीडबैक की रिपोर्ट के बारे में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी दोनों को जानकारी दे दी गई है।
हाल में प्रवक्ताओं की ट्रेनिंग में भी लोकसभा चुनावों की आहट होने के संकेत दिए गए। शनिवार को प्रदेशाध्यक्षों की बैठक में भी सांकेतिक रूप से इसका अहसास कराया गया, हालांकि डॉ. चंद्रभान ने इससे इनकार किया है।
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