इंदौर/आलोट/जावरा (रतलाम)। मध्यप्रदेश-राजस्थान की सीमा पर बुधवार सुबह कंजरों व ग्रामीणों के बीच हुई मुठभेड़ में चार ग्रामीणों की मौत हो गई। एक गंभीर है उसे रतलाम में भर्ती कराया है। घटना के बाद राजस्थान-मध्यप्रदेश की पुलिस मौके पर पहुंची। कंजरों की फायरिंग से जान बचाकर भागे इमरान पिता कालू निवासी खजूरी देवड़ा, भूरू पिता प्रेमचंद निवासी कुमारखेड़ा, भैय्यू पिता मुबारिक निवासी विक्रमगढ़ एवं रवि पिता नगजी निवासी आलोट क्षिप्रा नदी में गिर गए। इन्होंने पानी से निकलने का प्रयास किया लेकिन कंजरों ने ऊपर से पत्थर फेंके और लाठियां भांजीं। चारों युवक बाहर नहीं निकल सके और उनकी मौके पर ही मौत हो गई। दोपहर 12.30 बजे पुलिस ने ग्रामीणों की मदद से शव नदी से निकाले।एसपी डॉ. जी.के. पाठक के मुताबिक सुबह 8 बजे बाइक सवार कंजरों ने रजला से आलोट जा रही बालाजी बस पर फायरिंग की थी। 8 से 10 बाइक (एक बाइक पर दो-तीन) पर सवार कंजरों ने बस का विक्रमगढ़ तक पीछा किया और भाग गए। बस चालक रजाक खान निवासी आलोट ने विक्रमगढ़ में सवारी उतारी और आलोट पुलिस को सूचना दी। इस गोलीबारी में खजूरी देवड़ा का साइकिल सवार जगदीश पिता पर्वत चौहान (20) घायल हो गया। गोली जगदीश के निचले हिस्से से आर-पार हो गई। उसे रतलाम जिला अस्पताल रैफर किया गया। यूं हुई वारदात जगदीश को गोली लगने से नाराज खजूरी देवड़ा, कुमारखेड़ा, विक्रमगढ़ और आलोट के करीब दो दर्जन ग्रामीण विक्रमगढ़ से सुबह 10 बजे पुलिस बल के साथ 20 किमी दूर गांव मिथलगढ़ पहुंचे। वहां से शिप्रा नदी पार कंजर डेरे टोकड़ा व अरन्या जिला झालावाड़ (राजस्थान) जाना था लेकिन नदी में पानी होने से पुलिस दूसरे रास्ते से कंजर डेरे के लिए निकल गई। तब तक बस सवार ग्रामीण नदी में से होकर निकले।
झोपडिय़ों में आग, कंजरों ने की फायरिंग, ग्रामीण भागे पुलिस दूसरे रास्ते से दोपहर 12 बजे कंजर डेरे पहुंची तब तक ग्रामीण नदी पार कर अरन्या कंजर डेरे पहुंच गए थे। वहां कोई नहीं मिला तो ग्रामीणों ने झोपडिय़ों में आग लगा दी। यहां से जब ग्रामीण लौट रहे थे तो आसपास की झाडिय़ों में छिपे 50 से अधिक कंजरों ने ग्रामीणों पर फायरिंग कर दी। बचने के लिए ग्रामीण भागे। ग्रामीण नदी में गिरे, पत्थर मार-मारकर कर चार की हत्या
कंजरों की फायरिंग से जान बचाकर भागे इमरान पिता कालू निवासी खजूरी देवड़ा, भूरू पिता प्रेमचंद निवासी कुमारखेड़ा, भैय्यू पिता मुबारिक निवासी विक्रमगढ़ एवं रवि पिता नगजी निवासी आलोट क्षिप्रा नदी में गिर गए। इन्होंने पानी से निकलने का प्रयास किया लेकिन कंजरों ने ऊपर से पत्थर फेंके और लाठियां भांजीं। चारों युवक बाहर नहीं निकल सके और उनकी मौके पर ही मौत हो गई। दोपहर 12.30 बजे पुलिस ने ग्रामीणों की मदद से शव नदी से निकाले।ये है विवाद का कारण
बस चालक रजाक खान ने बताया 2 महीने पहले कंजरों ने बस से 6 बकरे उतार लिए थे। थोड़े दिन बाद दलाल के मार्फत कंजरों ने 40 हजार रुपए मांगे। जब बकरे लेने गया तो रुपए छीन लिए और बकरे भी नहीं दिए। तब से कंजरों से अनबन थी। इसी रंजिश के चलते कंजरों ने बुधवार सुबह बस का पीछा किया और फायरिंग कर दी।
नदी किनारे शव रखकर धरना, मुआवजे की मांग
मुठभेड़ की सूचना पर ग्रामीणों के साथ ही जिला पंचायत उपाध्यक्ष वीरेंद्रसिंह सोलंकी, सांसद प्रतिनिधि निजाम काजी मिथलगढ़ पहुंचे। ग्रामीणों ने शव नदी किनारे रख दिए और धरने पर बैठ गए। कलेक्टर-एसपी को मौके पर बुलाने की मांग की और मृतक के परिजन को पांच-पांच लाख मुआवजा राशि देने की मांग की।
ग्रामीणों को मरने के लिए छोड़कर भाग गई पुलिस
सोलंकी व काजी ने पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाया। इन्होंने बताया ग्रामीण पुलिस के साथ पहुंचे थे लेकिन पुलिस भाग गई और ग्रामीणों को मरने के लिए छोड़ दिया। हम सालों से आलोट, बरखेड़ाकलां थाना क्षेत्र को कंजर प्रभावित घोषित करने की मांग कर रहे हैं लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया। यहां कंजर समस्या से निपटने के लिए अतिरिक्त फोर्स की तैनाती होना चाहिए।
झोपडिय़ों में आग, कंजरों ने की फायरिंग, ग्रामीण भागे पुलिस दूसरे रास्ते से दोपहर 12 बजे कंजर डेरे पहुंची तब तक ग्रामीण नदी पार कर अरन्या कंजर डेरे पहुंच गए थे। वहां कोई नहीं मिला तो ग्रामीणों ने झोपडिय़ों में आग लगा दी। यहां से जब ग्रामीण लौट रहे थे तो आसपास की झाडिय़ों में छिपे 50 से अधिक कंजरों ने ग्रामीणों पर फायरिंग कर दी। बचने के लिए ग्रामीण भागे। ग्रामीण नदी में गिरे, पत्थर मार-मारकर कर चार की हत्या
कंजरों की फायरिंग से जान बचाकर भागे इमरान पिता कालू निवासी खजूरी देवड़ा, भूरू पिता प्रेमचंद निवासी कुमारखेड़ा, भैय्यू पिता मुबारिक निवासी विक्रमगढ़ एवं रवि पिता नगजी निवासी आलोट क्षिप्रा नदी में गिर गए। इन्होंने पानी से निकलने का प्रयास किया लेकिन कंजरों ने ऊपर से पत्थर फेंके और लाठियां भांजीं। चारों युवक बाहर नहीं निकल सके और उनकी मौके पर ही मौत हो गई। दोपहर 12.30 बजे पुलिस ने ग्रामीणों की मदद से शव नदी से निकाले।ये है विवाद का कारण
बस चालक रजाक खान ने बताया 2 महीने पहले कंजरों ने बस से 6 बकरे उतार लिए थे। थोड़े दिन बाद दलाल के मार्फत कंजरों ने 40 हजार रुपए मांगे। जब बकरे लेने गया तो रुपए छीन लिए और बकरे भी नहीं दिए। तब से कंजरों से अनबन थी। इसी रंजिश के चलते कंजरों ने बुधवार सुबह बस का पीछा किया और फायरिंग कर दी।
नदी किनारे शव रखकर धरना, मुआवजे की मांग
मुठभेड़ की सूचना पर ग्रामीणों के साथ ही जिला पंचायत उपाध्यक्ष वीरेंद्रसिंह सोलंकी, सांसद प्रतिनिधि निजाम काजी मिथलगढ़ पहुंचे। ग्रामीणों ने शव नदी किनारे रख दिए और धरने पर बैठ गए। कलेक्टर-एसपी को मौके पर बुलाने की मांग की और मृतक के परिजन को पांच-पांच लाख मुआवजा राशि देने की मांग की।
ग्रामीणों को मरने के लिए छोड़कर भाग गई पुलिस
सोलंकी व काजी ने पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाया। इन्होंने बताया ग्रामीण पुलिस के साथ पहुंचे थे लेकिन पुलिस भाग गई और ग्रामीणों को मरने के लिए छोड़ दिया। हम सालों से आलोट, बरखेड़ाकलां थाना क्षेत्र को कंजर प्रभावित घोषित करने की मांग कर रहे हैं लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया। यहां कंजर समस्या से निपटने के लिए अतिरिक्त फोर्स की तैनाती होना चाहिए।
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