उज्जैन। हम सदैव कर्मशील बने रहते हैं, इसकी एक सबसे खास वजह यह है कि हम अपने पेट को भोजन से तृप्त करना चाहते हैं। कर्मों से धन मिलता है और धन से भोजन। उदर पूर्ति के लिए ही व्यक्ति कड़ी मेहनत करता है। पेट मनुष्य शरीर का ऐसा अंग है, जिस पर पूरा शरीर निर्भर रहता है। पेट भोजन ग्रहण करता है और शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है। पेट में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी का असर तुरंत ही पूरे शरीर पर होता है। लंबी आयु के लिए पेट का स्वस्थ रहना बहुत जरूरी है।
सुंदर पेट किसी भी व्यक्ति के सौंदर्य में वृद्धि करता है। विशेष रूप से किसी स्त्री के लिए सुंदर और आकर्षक पेट काफी मायने रखता है। जिस स्त्री का पेट सुंदर दिखाई देता है, उसका आकर्षण काफी अधिक रहता है। जबकि बेडोल और मोटे पेट की वजह से चेहरे की सुंदरता भी कई बार फीकी पड़ जाती है। सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार हम किसी स्त्री या पुरुष के पेट को देखकर भी उसके स्वभाव की खास बातें बातें मालूम कर सकते हैं।
जिस स्त्री का पेट अधिक ऊंचा दिखाई देता है, वह पुरुषों की ओर जल्दी आकर्षित हो जाती हैं। इस प्रकार के पेट वाली स्त्रियां हमेशा सुंदर दिखने का प्रयास करती हैं। आमतौर पर इसप्रकार के पेट वाली स्त्री अपने पति से संतुष्ट नहीं रहती है।
यदि किसी स्त्री या पुरुष के पेट पर एक वलि (रेखा) होती है तो वह शास्त्रों का ज्ञाता होता है। ऐसे लोग घर-परिवार और समाज में विशेष स्थान हासिल करते हैं।
जिन स्त्रियों का पेट बहुत सुंदर दिखाई देता है, वे भाग्यशाली होती हैं। चिकना, पतला और सुंदर आकार का पेट शुभ होता है। ऐसी स्त्रियां जीवन में कई उपलब्धियां हासिल करती हैं।
यदि किसी स्त्री का पेट, कमर के बराबर मोटा होता है तो ऐसी स्त्री किसी परिरिस्थिति में हार नहीं मानती है। ये स्त्रियां धन संबंधी कार्यों में समझौता भी नहीं करती हैं। आमतौर पर ऐसे पेट वाली स्त्रियां पति के लिए भाग्यशाली होती हैं।
जिन स्त्रियों के पेट का आकार बेडोल और सुंदर नहीं दिखाई देता है, आमतौर पर वे अपने जीवन में काफी संघर्ष करती हैं।
यदि किसी पुरुष के पेट पर दो रेखाएं दिखाई देती हैं तो व्यक्ति स्त्री का उपभोग करने वाला होता है।
जिन लोगों के पेट पर तीन रेखाएं पड़ती हैं, वह आचार्य पद प्राप्त करता है। ऐसे लोग विद्वान होते हैं और अपने क्षेत्र में विशेष उपलब्धियां हासिल करते हैं।
जिन लोगों के पेट पर चार रेखाएं दिखाई देती हैं, वे लोग अधिक पुत्र संतान प्राप्त करते हैं।
यदि किसी व्यक्ति के पेट पर एक भी रेखा नहीं दिखाई देती है तो ऐसे लोग किसी राजा के समान सुख प्राप्त करने वाले होते हैं। ऐसे लोग शाही अंदाज में जीवन व्यतीत करते हैं।
नाभि बताती है ये बातें
जिन लोगों की नाभि दक्षिणावर्त यानी सीधे हाथ की ओर मुंह वाली होती है, वे लोग भाग्यशाली होते हैं। जबकि वामवर्त नाभि यानी बाएं हाथ की ओर मुंह वाली नाभि अशुभ मानी जाती है।
जिन लोगों की नाभि गहरी होती है, वे लोग जीवन में सभी सुख और सुविधाएं प्राप्त करते हैं।
जिन लोगों की नाभि ऊंची होती है, वे लोग कई बार अपनी माता के दुख का कारण बनते हैं।
पेट पर तिल हो तो
- जिन लोगों के पेट पर तिल होता है, वे लोग अलग-अलग तरह का खाना पसंद करते हैं। इनके जीवन का मुख्य उद्देश्य अच्छा भोजन खाना ही होता है।
- जिन लोगों के पेट के एकदम बीच में तिल होता है, वे लोग डरपोक प्रवृत्ति के हो सकते हैं।
- व्यक्ति की पसली पर तिल होना व्यक्ति के डरपोक स्वभाव की ओर इशारा करता है।
ध्यान रखें कि स्त्री के शरीर पर बाएं ओर के तिल शुभ होते हैं जबकि पुरुष के शरीर पर दाहिनी ओर के तिल शुभ माने गए हैं।
सामुद्रिक शास्त्र का परिचय
ज्योतिष के अंतर्गत शरीर के अंगों और लक्षणों को देखकर व्यक्तित्व के साथ भविष्य बताने की विधि को सामुद्रिक शास्त्र कहा जाता है। ये ज्योतिष का अभिन्न अंग है और इस शास्त्र का इतिहास भी काफी प्राचीन है। सामुद्रिक विद्या के अनुसार मनुष्य के सिर से लेकर पैर तक हर अंग के लिए विशेष लक्षण बताए गए हैं। अंगों की बनावट, आकार और रंग से व्यक्तित्व के रहस्य मालूम होते हैं और इनसे भविष्य की जानकारी भी मिलती है। किसी भी व्यक्ति के पेट को देखकर भी आसानी से बताया जा सकता है कि स्त्री या पुरुष व्यवहार, आचार-विचार और कार्यक्षेत्र में कैसा है।
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