लोक अदालत में होती है दोनों पक्षों की जीत

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इंदौर।  म.प्र. उच्च न्यायालय खण्डपीठ इंदौर के प्रशासनिक न्यायाधिपति श्री पी.के. जायसवाल के निर्देशन में म.प्र. उच्च न्यायालय खंडपीठ इंदौर में आगामी 22 अप्रैल 2018 को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन उच्च न्यायालय खण्डपीठ इंदौर में किया जा रहा हैं।
           आगामी 22 अप्रैल 2018 को आयोजित की जाने वाली राष्ट्रीय लोक अदालत में शमनीय  आपराधिक प्रकरण, परक्राम्य अधिनियम की धारा 138 के अंतर्गत प्रकरण, बैंक रिकवरी संबंधी मामलें, मोटर दुर्घटना क्षतिपूर्ति दावा प्रकरण, वैवाहिक प्रकरण, श्रम विवाद प्रकरण, भूमि अधिग्रहण के प्रकरण, विद्युत एवं जल कर/बिल संबंधी प्रकरण (अशमनीय मामलों को छोड़कर), सेवा मामले जो सेवा निवृत्त संबंधी लाभों से संबंधित हैं, राजस्व प्रकरण, दीवानी मामले तथा अन्य समस्त प्रकार के राजीनामा योग्य, प्रकरणों का निराकरण आपसी समझौते के आधार पर किया जायेगा। उक्त नेशनल लोक अदालत में मोटरयान दुर्घटना क्लेम प्रकरणों के संबंध में गत 05 अप्रैल 2018 को बीमा कंपनी के अधिकारीगण एवं अधिवक्ताओं के साथ बैठक आयांजित की गई। आयोजित बैठक में नेशनल लोक अदालत में अधिक से अधि प्रकरणों के निराकरण के संबंध में चर्चा की गई।
            प्रिंसिपल रजिस्ट्रार उच्च न्यायालय श्री तारकेश्वर सिंह ने समस्त पक्षकारों एवं अधिवक्तागण से अनुरोध किया है कि उपरोक्तानुसार उच्च न्यायालय में लंबित प्रकरणों को नेशनल लोक अदालत के माध्यम से सुलह एवं समझौते के आधार पर निराकृत कराने हेतु म.प्र. उच्च न्यायालय खण्डपीठ इंदौर में प्रिंसिपल रजिस्ट्रार, डिप्टी रजिस्ट्रार, संबंधित सेक्शन एवं उच्च न्यायालय विधिक सेवा समिति इंदौर से संपर्क कर सकते हैं एवं अपने प्रकरणों को नेशनल लोक अदालत में रखने हेतु आवेदन/सूचना दे सकते हैं। लोक अदालत के द्वारा निराकृत किये गये प्रकरणों में पक्षकारों के द्वारा भुगतान की गई कोर्ट फीस शासन द्वारा वापिस किये जाने का प्रावधान हैं। लोक अदालत में सबको न्याय मिलता हैं और दोनों पक्षों को जीत मिलती है तथा अदालत के निर्णय के विरूद्ध वरिष्ठ न्यायालय में अपील नहीं की जा सकती।
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झाबुआ

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