‘मुझे कहा-घर के सारे गहने ले आओ नहीं तो मम्मी पापा नहीं रहेंगे’

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सीकर. शहर में नवलगढ़ पुलिया के पास गुरुवार को एक कथित बाबा ने स्कूल से लौट रहे यातायात पुलिस कांस्टेबल के बच्चे को वशीभूत कर लिया। उसने बच्चे को कई तरह की आशंका से डराकर झांसे में ले लिया और घर से लाखों के गहने मंगवा लिए। इसके बाद उसने बच्चे को कुछ ही दूर स्थित पेड़ के नीचे टोटके में लगा दिया और गहने लेकर चंपत हो गया। ऐसी ही एक अन्य वारदात रानी महल के पास भी हुई लेकिन वहां गहने ले जाने से पहले ही परिजनों ने बच्चे को रोक लिया।

एक ही दिन में दो घटनाएं होने के कारण पुलिस शहर में गिरोह सक्रिय होना मान रही है। पुलिस के मुताबिक पिपराली रोड स्थित जगदंबा कॉलोनी निवासी दीपेंद्र (12) पुत्र रणजीत सेंट पॉल स्कूल में आठवीं कक्षा में पढ़ता है। गुरुवार दोपहर करीब तीन बजे वह साइकिल लेकर स्कूल से घर जा रहा था। नवलगढ़ पुलिया के पास एक युवक ने उसे रुकवाया और माता पिता सहित घरवालों के साथ कई तरह की अनहोनी को लेकर डराया।

इसे टालने के लिए किसी को बिना बताए घर के सारे गहने लाकर देने को कहा। युवक के पास एक लड़का और भी खड़ा था और वह उसे भी सारी बातें कह रहा था। अंदेशा है कि वह लड़का भी आरोपी युवक का साथी ही था। उसने भी बच्चे से कहा कि वह अपने घर से गहने लेने जा रहा है इसलिए तुम भी ले आओ। आरोपी ने बच्चे को ये बात किसी को नहीं बताने के लिए डराया भी। इस पर बच्चा घर गया और बक्से से गहने निकाल कर स्कूल बैग में डाल लिए।

वापस आकर उसने सभी गहने आरोपी युवक को दे दिए। युवक ने बच्चे को पेड़ के पास खड़ा कर दिया और खुद गहने लेकर भाग गया। शाम तक बच्चा घर में गुमसुम बैठा रहा और किसी को कुछ नहीं बताया। परिजनों के बार बार पूछने पर उसने पूरी घटना बताई। परिजनों ने पहले उस युवक को अपने स्तर पर तलाश किया।
इसके बाद देर रात कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया। रानी महल के पास रहने वाले परिवार के लोग भी ऐसी ही घटना की जानकारी देने कोतवाली पहुंचे। उन्होंने बताया कि उनके बच्चे के साथ भी ऐसा ही हुआ लेकिन परिजनों ने उसे गहने ले जाते देख लिया और बाहर नहीं जाने दिया।

घर में सिर्फ मांग टीका बचा परिजनों ने रिपोर्ट दर्ज कराई है कि आरोपी युवक एक टॉप्स, पायजेब, बंगड़ी, चेन सहित घर के पूरे गहने ले गया। जिनकी कीमत लाखों में है। घर में सिर्फ मांग टीका बचा है, जो अलग रखा था।

‘मुझे कहा-घर के सारे गहने ले आओ नहीं तो मम्मी पापा नहीं रहेंगे’ मैं स्कूल से साइकिल पर आ रहा था। पुलिया के पास एक आदमी खड़ा था। उसने रोका और पूछा की तेरा धर्म क्या है। फिर हाथ मिलाया तो मुझे कंपन सी होने लगी। उसने कहा कि तुम्हारे दो भाई एक बहन है। तेरी मम्मी की तबीयत खराब है। घर के सारे गहने लेकर आओगे तो ग़्रहों का प्रकोप कम होगा। नहीं तो रात को 12 बजे मम्मी पापा मर जाएंगे। मैं डर गया।
वहां एक लड़का और खड़ा था। उस लड़के ने कहा कि मैं भी घर से गहने लेकर आ रहा हूं। इसके बाद मैं घर आया, बैग से किताबें निकाली और गहने डाल लिए। मैने उसको गहने ले जाकर दे दिए। उसने मुझे एक पेड़ के नीचे आंख बंद कर के 21 बार ओम बोलने को कहा। मैंने आंख खोली तो वह वहां नहीं था।
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News Desk

Pradeshik Jan Samachar

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