नई दिल्ली। सभी जानते हैं कि सचिन तेंदुलकर 39 वर्ष के हो चुके हैं और
वह ताउम्र क्रिकेट के मैदान पर बल्ला थामे खड़े नहीं रह सकते, बावजूद इसके
कोई भी उन्हें मैदान से बाहर जाने नहीं देना चाहता है।
सचिन तेंदुलकर ने नवंबर में अपने करियर पर अहम फैसला लेने की बात की है, लेकिन पूर्व भारतीय कप्तान अनिल कुंबले का मानना है कि इस स्टार बल्लेबाज के बिना भारतीय टीम की कल्पना करना आसान नहीं है। कुंबले से जब तेंदुलकर के इस फैसले के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, 'मैं इतना मानता हूं कि सचिन के बिना भारतीय टीम की कल्पना करना आसान नहीं है। मैं चाहता हूं कि वह अभी खेलना जारी रखें। सचिन पिछले 23 साल से लगातार खेल रहे हैं और टीम के आधारस्तंभ रहे हैं।'
अपने जमाने के दिग्गज लेग स्पिनर ने शुक्रवार को यहा अपनी खेल अकादमी टेनविक का उद्घाटन करते हुए कहा, 'यह मेरे लिए बड़े सम्मान की बात है कि मैंने सचिन जैसे बल्लेबाज के साथ 13 साल ड्रेसिंग रूम में बिताए। इसमें कोई शक नहीं एक दिन उन्हें संन्यास लेना होगा, लेकिन मैं मानता हूं कि यह फैसला उन्हें ही लेने दिया जाए। संन्यास के बारे में वही सर्वश्रेष्ठ फैसला कर सकते हैं। यह व्यक्तिगत फैसला होता है। मैं इतना जरूर कहूंगा कि किसी भी खिलाड़ी के लिए संन्यास का फैसला लेना आसान नहीं होता है।'
दिग्गज स्पिनर से जब विश्व क्रिकेट में स्पिन गेंदबाजी की घटती अहमियत पर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा, 'ऐसा बिल्कुल नहीं है। स्पिनर अच्छा कर रहे हैं। इंग्लैंड में ग्रीम स्वान हैं, वह एक शानदार गेंदबाज हैं। पाकिस्तान में सईद अजमल हैं और हमारे पास अश्विन है जो समय के साथ-साथ और अधिक परिपक्व होते जा रहे हैं। आप हरभजन सिंह को भी नहीं भूल सकते, जिन्होंने 400 से अधिक विकेट झटके हैं और वह अभी सिर्फ 32 वर्ष के हैं। भारत में स्पिन गेंदबाजी और स्पिनरों का भविष्य अच्छा है।'
सचिन तेंदुलकर ने नवंबर में अपने करियर पर अहम फैसला लेने की बात की है, लेकिन पूर्व भारतीय कप्तान अनिल कुंबले का मानना है कि इस स्टार बल्लेबाज के बिना भारतीय टीम की कल्पना करना आसान नहीं है। कुंबले से जब तेंदुलकर के इस फैसले के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, 'मैं इतना मानता हूं कि सचिन के बिना भारतीय टीम की कल्पना करना आसान नहीं है। मैं चाहता हूं कि वह अभी खेलना जारी रखें। सचिन पिछले 23 साल से लगातार खेल रहे हैं और टीम के आधारस्तंभ रहे हैं।'
अपने जमाने के दिग्गज लेग स्पिनर ने शुक्रवार को यहा अपनी खेल अकादमी टेनविक का उद्घाटन करते हुए कहा, 'यह मेरे लिए बड़े सम्मान की बात है कि मैंने सचिन जैसे बल्लेबाज के साथ 13 साल ड्रेसिंग रूम में बिताए। इसमें कोई शक नहीं एक दिन उन्हें संन्यास लेना होगा, लेकिन मैं मानता हूं कि यह फैसला उन्हें ही लेने दिया जाए। संन्यास के बारे में वही सर्वश्रेष्ठ फैसला कर सकते हैं। यह व्यक्तिगत फैसला होता है। मैं इतना जरूर कहूंगा कि किसी भी खिलाड़ी के लिए संन्यास का फैसला लेना आसान नहीं होता है।'
दिग्गज स्पिनर से जब विश्व क्रिकेट में स्पिन गेंदबाजी की घटती अहमियत पर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा, 'ऐसा बिल्कुल नहीं है। स्पिनर अच्छा कर रहे हैं। इंग्लैंड में ग्रीम स्वान हैं, वह एक शानदार गेंदबाज हैं। पाकिस्तान में सईद अजमल हैं और हमारे पास अश्विन है जो समय के साथ-साथ और अधिक परिपक्व होते जा रहे हैं। आप हरभजन सिंह को भी नहीं भूल सकते, जिन्होंने 400 से अधिक विकेट झटके हैं और वह अभी सिर्फ 32 वर्ष के हैं। भारत में स्पिन गेंदबाजी और स्पिनरों का भविष्य अच्छा है।'
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