बढ़ती उम्र के चक्कर में आउट हो जाता हूं: तेंदुलकर

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नई दिल्ली। सचिन के रिटायर होने को लेकर अटकलों का बाजार गर्म है। अब सवाल यह है कि क्या मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर के संन्यास लेने का वक्त आ गया है? संकेत तो कुछ ऐसे ही मिल रहे हैं। सचिन ने अगले महीने इस पर विचार करने का फैसला किया है। उन्होंने माना कि हाल के दिनों में वह जिस तरह से आउट हुए हैं वह बढ़ती उम्र का साइड इफेक्ट है। सचिन की इस बात से उनके फैंस को काफी निराशा हुई है। वहीं, पूर्व दिग्गज स्पिनर अनिल कुंबले ने सचिन का समर्थन करते हुए उन्हें टीम की जरूरत करार दिया है।
एक समाचार चैनल को दिए साक्षात्कार में सचिन तेंदुलकर ने कहा है कि वह सीरीज दर सीरीज फैसला करेंगे कि उनकी फिटनेस का स्तर कैसा है और वह आगे खेल जारी रख सकते हैं या नहीं। हालांकि साथ ही सचिन ने यह भी कहा कि जब तक क्रिकेट में उनकी रुचि रहेगी और फिटनेस बरकरार रहेगा, वह खेलना जारी रखेंगे। उन्होंने कहा कि वह दिल की आवाज पर फैसला लेंगे और फिलहाल उनका दिल कहता है कि वह फिट हैं और वह खेल जारी रख सकते हैं।
सचिन ने कहा, अब मैं 39 साल का हूं और आप मुझसे 19 साल के लड़के तरह खेलने की उम्मीद नहीं कर सकते। इस उम्र में संन्यास के बारे सोचना कोई अनोखी बात नहीं है। सारी उम्र तो क्रिकेट खेला जा नहीं सकता। मैं हर सीरीज के बाद फैसला करूंगा कि मुझे खेल जारी रखना चाहिए या नहीं। जब तक मुझे लगेगा कि मैं अच्छा प्रदर्शन कर रहा हूं, खेलना जारी रखूंगा। यह इस पर भी निर्भर करता है कि मैं टीम में कितना योगदान दे पा रहा हूं और खुद को बेहतर प्रदर्शन के लिए प्रेरित कर पा रहा हूं या नहीं।
साक्षात्कार में मास्टर ब्लास्टर ने कहा कि फिलहाल संन्यास पर फैसला लेने का वक्त नहीं आया है। नवंबर में खेलूंगा तो दोबारा से इस पर विचार करूंगा। न्यूजीलैंड के खिलाफ पिछली सीरीज के बारे में सचिन ने कहा, मैं पहले भी लगातार दो-तीन मैचों में बोल्ड आउट हुआ हूं। हालांकि इस बार लोग सवाल कर रहे हैं। मुझे पता नहीं कि लोग मेरे बारे में क्या कहते हैं। जहां तक गावस्कर का सवाल है तो कई अच्छी बातें उन्होंने मेरे बारे में कही हैं। मैं किसी एक टिप्पणी के बारे में नहीं सोचता हूं। सर ब्रैडमेन ने मुझसे कहा था कि 30 साल की उम्र के बाद बल्लेबाज का खेल अपने आप बदल जाता है। मैं तो इससे नौ साल ज्यादा का हो चुका हूं और इस दौरान अच्छा प्रदर्शन भी किया है। मैं भी इंसान हूं और मुझ पर भी उम्र का असर तो होगा ही।
उधर, भारत के पूर्व स्पिनर और कप्तान अनिल कुंबले ने सचिन का समर्थन करते हुए उन्हें टीम की जरूरत बताया है। कुंबले ने कहा है कि सचिन के बिना भारतीय टीम की कल्पना आसान नहीं होगी। कुंबले ने कहा कि उन्होंने इस रिपोर्ट के बारे में अब तक कुछ सुना नहीं है लेकिन वह मानते हैं कि सचिन 23 साल से लगातार क्रिकेट खेल रहे हैं और टीम के आधारस्तंभ रहे हैं। कुंबले का मानना है कि संन्यास का फैसला किसी और का नहीं बल्कि खुद मास्टर का ही होगा क्योंकि वह दिग्गज हैं और बेहतर जानते हैं कि उन्हें खेल से कब विदा होना है। यह किसी भी खिलाड़ी के लिए आसान नहीं होता और सचिन के लिए भी संन्यास लेना आसान नहीं होगा।
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