यह था मामला : मामला देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी आईएमएस (इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज) में हुआ। जिन तीन छात्राओं को सजा दी गई उनमें से एक के पिता ने डायरेक्टर को फोन कर इस सजा और फैसले पर सहमति जता दी। हालांकि अन्य छात्राओं ने दबे स्वर में इस प्रतिबंध का विरोध भी शुरू कर दिया है। कुछ छात्राओं का कहना है कि वे इस प्रतिबंध को नहीं मानेंगी और ज्यादा दबाव डाला गया तो उनके पास दूसरे कॉलेज का विकल्प है। कुछ फैकल्टी भी इस प्रतिबंध के विरोध में हैं लेकिन लिखित आपत्ति कहीं से नहीं आई है। उधर, संस्थान के डायरेक्टर ने कहा है कि वे प्रतिबंध के निर्णय से पीछे हटने वाले नहीं हैं। यूनिवर्सिटी प्रबंधन ने पूरे मामले से पल्ला झाड़ लिया है। कुलसचिव-कुलपति कार्यालय का कहना है कि उन्हें इस मामले की जानकारी ही नहीं है। प्लेस और कल्चर के मुताबिक होना चाहिए, लेकिन बाद में दो छात्राओं ने मौखिक विरोध दर्ज करवा दिया।शर्मा ने कहा कि छात्राएं क्या पहनकर आएंगी ये तय करने वाले संस्थान के डायरेक्टर कौन होते हैं? उन्होंने कहा प्रदेश में थानों पर महिलाओं की सुनवाई नहीं होती, लेकिन मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान की पत्नी पर टिप्पणी करने वाले मंत्री को तुरंत हटा दिया जाता है। महिला कांग्रेस ने सौंपा पुलिंदा : महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष अर्चना जायसवाल के नेतृत्व में कार्यकर्ता शर्मा से मिले। उन्हें अपराधों, पुलिस के अडिय़ल रवैये और सरकार की असंवेदनशीलता से भरा पुलिंदा सौंपा और आईएमएस मामले में विरोध करने की बात कही।जब महिला अपराधों की बातें सामने आती हैं तो लोग कहते हैं कि पुलिस संवेदनशील नहीं है। पुलिस ही है जो देश में बढ़ रहे अपराधों को कम कर सकती है। सबसे पहले पुलिस को अपना व्यवहार सुधारना चाहिए। लोगों के साथ दुव्र्यवहार बंद करें। आज लोग डर के मारे पुलिस के पास नहीं आते। पुलिस को अपना खौफ खत्म करना चाहिए। मध्यप्रदेश अपराध के मामले में देश में टॉप तीन नंबर पर आ गया है, जो दुर्भाग्यपूर्ण है। ये बात ममता शर्मा ने पुलिस प्रशिक्षण महाविद्यालय में छह दिनी कार्यशाला के उद्घाटन पर कही।बीपीआरएंडडी (ब्यूरो ऑफ पुलिस रिसर्च एंड डेवलपमेंट) के तत्वावधान में यह कार्यशाला जेंडर सेंसेटाइजेशन एंड जेंडर जस्टिस ट्रेनर्स कोर्स एवं जेंडर सुग्राह्यता व कानून प्रवर्तन पर आयोजित की गई है। कार्यशाला को विशेष अतिथि डॉ. चारुवली खन्ना, आईजी विपिन माहेश्वरी, ट्रेनिंग एडीजी राजेंद्र कुमार, एडीसी विनीत कपूर ने भी संबोधित किये भी कहा
> मप्र की महिला पुलिस को और गंभीर बनाने की जरूरत है। वे महिला अपराधों को लेकर उतनी संवेदनशील नहीं हैं, जितनी होना चाहिए।
> महिलाओं पर तेजाब फेंकने पर आजीवन कैद होना चाहिए। तीन साल की सजा नाकाफी।
> गैंगरेप में अन्य आरोपियों की तरह ही नाबालिग आरोपी को भी कड़ी से कड़ी सजा मिलना चाहिए।
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