जिन लोगों के नाम का पहला अक्षर ई, उ, ए, ओ, वा, वि, वू, वे या वो से शुरू होता है, वे लोग वृष राशि वाले होते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस राशि के लोग उत्तम श्रेणी के प्रेमी होते हैं। वृष राशि वाले व्यक्ति चाहे वह स्त्री हो या पुरुष, दोनों को ही प्रेम संबंध बनाने में महारत हासिल होती है।
ये लोग बहुत जल्द किसी से भी प्रेम संबंध बनाने में सक्षम होते हैं। इस राशि के लोग प्रेम में काफी भावुक भी हो जाते हैं। अपने प्रेमी या जीवन साथी के प्रति इनके प्यार की कोई सीमा नहीं होती।वृष राशि के लोग प्रेम संबंधों के मामले में बिल्कुल अनिश्चितता पसंद नहीं करते। इनके रिलेशन काफी मजबूत होते हैं और ये जीवनभर रिश्ता निभाते हैं। ये लोग तलाक के कट्टर विरोधी होते हैं। इनका वैवाहिक जीवन काफी खुशियोंभरा होता है। इनका साथी भी इनके साथ बहुत सुखी और खुश रहता है।
वृष राशि के लोग दृढ़ निश्चय वाले होते हैं। अपने जीवन साथ या प्रेमी को हर परिस्थिति में सहारा देते हैं और उनकी परेशानियों को दूर करने का पूरा प्रयास करते हैं। ये लोग बहुत दिलदार, निर्मल हृदय और हंसमुख स्वभाव के होते हैंवृष राशि का चिन्ह बैल है। बैल स्वभाव से ही अधिक पारिश्रमी होता है। साधारणत: वह शांत रहता है, किन्तु क्रोध आने पर बैल काफी उग्र रूप धारण कर लेता है। यही स्वभाव वृष राशि के लोगों में भी पाया जाता है। वृष राशि का स्वामी शुक्र ग्रह है। इसके अन्तर्गत कृत्तिका नक्षत्र के तीन चरण, रोहिणी के चारों चरण और मृगशिरा के प्रथम दो चरण आते हैं।इस राशि के लोगों के जीवन में पिता-पुत्र का कलह रहता है। इनका मन सरकारी कार्यों की ओर रहता है। सरकारी ठेकेदारी का कार्य करवाने की योग्यता विशेषरूप से रहती है। पिता के पास जमीनी काम या जमीन के द्वारा जीविकोपार्जन का साधन होता है। वृष राशि के अधिकतर लोग शराब, कबाब के भोजन में अपनी रूचि प्रदर्शित करते हैं।गुरु ग्रह के कारण इस राशि के लोग अपने ज्ञान के प्रति अहम का भाव रखते हैं। जब भी कोई बात करते हैं तो गर्व के साथ बात करते हैं। सरकारी क्षेत्रों की शिक्षाएं और उनके काम जातक को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। यदि वृष राशि के लोगों को किसी प्रकार से केतु ग्रह का बल मिल जाता है तो व्यक्ति सरकार का मुख्य अधिकारी बनने की योग्यता रखता है।मंगल ग्रह के प्रभाव से वृष राशि के व्यक्ति क्रोधी स्वभाव का हो सकता है। कारखानों, स्वास्थ्य संबंधी कार्यों और जनता के झगड़े सुलझाने का कार्य ये लोग आसानी से कर सकते हैं। इनकी माता आपत्तियों से घिरी होती है और पिता की ओर पूर्ण सुख और सहयोग प्राप्त नहीं हो पाता है।
ये लोग बहुत जल्द किसी से भी प्रेम संबंध बनाने में सक्षम होते हैं। इस राशि के लोग प्रेम में काफी भावुक भी हो जाते हैं। अपने प्रेमी या जीवन साथी के प्रति इनके प्यार की कोई सीमा नहीं होती।वृष राशि के लोग प्रेम संबंधों के मामले में बिल्कुल अनिश्चितता पसंद नहीं करते। इनके रिलेशन काफी मजबूत होते हैं और ये जीवनभर रिश्ता निभाते हैं। ये लोग तलाक के कट्टर विरोधी होते हैं। इनका वैवाहिक जीवन काफी खुशियोंभरा होता है। इनका साथी भी इनके साथ बहुत सुखी और खुश रहता है।
वृष राशि के लोग दृढ़ निश्चय वाले होते हैं। अपने जीवन साथ या प्रेमी को हर परिस्थिति में सहारा देते हैं और उनकी परेशानियों को दूर करने का पूरा प्रयास करते हैं। ये लोग बहुत दिलदार, निर्मल हृदय और हंसमुख स्वभाव के होते हैंवृष राशि का चिन्ह बैल है। बैल स्वभाव से ही अधिक पारिश्रमी होता है। साधारणत: वह शांत रहता है, किन्तु क्रोध आने पर बैल काफी उग्र रूप धारण कर लेता है। यही स्वभाव वृष राशि के लोगों में भी पाया जाता है। वृष राशि का स्वामी शुक्र ग्रह है। इसके अन्तर्गत कृत्तिका नक्षत्र के तीन चरण, रोहिणी के चारों चरण और मृगशिरा के प्रथम दो चरण आते हैं।इस राशि के लोगों के जीवन में पिता-पुत्र का कलह रहता है। इनका मन सरकारी कार्यों की ओर रहता है। सरकारी ठेकेदारी का कार्य करवाने की योग्यता विशेषरूप से रहती है। पिता के पास जमीनी काम या जमीन के द्वारा जीविकोपार्जन का साधन होता है। वृष राशि के अधिकतर लोग शराब, कबाब के भोजन में अपनी रूचि प्रदर्शित करते हैं।गुरु ग्रह के कारण इस राशि के लोग अपने ज्ञान के प्रति अहम का भाव रखते हैं। जब भी कोई बात करते हैं तो गर्व के साथ बात करते हैं। सरकारी क्षेत्रों की शिक्षाएं और उनके काम जातक को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। यदि वृष राशि के लोगों को किसी प्रकार से केतु ग्रह का बल मिल जाता है तो व्यक्ति सरकार का मुख्य अधिकारी बनने की योग्यता रखता है।मंगल ग्रह के प्रभाव से वृष राशि के व्यक्ति क्रोधी स्वभाव का हो सकता है। कारखानों, स्वास्थ्य संबंधी कार्यों और जनता के झगड़े सुलझाने का कार्य ये लोग आसानी से कर सकते हैं। इनकी माता आपत्तियों से घिरी होती है और पिता की ओर पूर्ण सुख और सहयोग प्राप्त नहीं हो पाता है।
इस राशि के लोगों के जीवन में हमेशा उतार-चढ़ाव की स्थिति बनी रहती है। यदि इनकी कुंडली में मंगल-सूर्य की युति हो तो ये लोग शरीर से दुबले-पतले हो सकते हैं। इस राशि के कुछ लोग अधिक गुस्सेवाले और घमंडी भी होते हैं। इन लोगों में आदेश देने की प्रवृत्ति होती है।इस राशि के लोग सौन्दर्य प्रेमी और कला प्रिय होते हैं। कलाकारी के क्षेत्र में इनका नाम होता है। इस राशि की स्त्रियां माता और पति का साथ प्राप्त करती हैं। वहीं दूसरी ओर इस राशि के पुरुष अपनी माता और पत्नी का पूर्ण सहयोग प्राप्त करते हैं। घर-परिवार का वातावरण सुखद रहता है। ये लोग अपने जीवन साथी के अधीन रहना पसंद करते हैं।वृष राशि के लोगों की कुंडली में चन्द्र-बुध का भी विशेष प्रभाव रहता है। यदि ये दोनों ग्रह अन्य ग्रहों की अपेक्षा अधिक प्रभावी हों तो इस राशि के व्यक्ति को संतान के रूप में कन्याएं अधिक प्राप्त होती हैं। इनके जीवन में व्यापारिक यात्राएं काफी होती हैं, ये लोग अपने ही बनाए हुए उसूलों पर जीवन चलाते हैं। कई बार ये लोग अपने ही बनाए हुए जाल में फंस जाता है।यदि इनकी कुंडली में मंगल-बुध की युति हो तो व्यक्ति कभी कठोर और कभी नर्म रहता है। इनका मन कम्प्यूटर और इलेक्ट्रोनिक क्षेत्र की ओर अग्रसर होता है। वृष राशि वाले लोग शांतिपूर्वक रहना पसंद करते हैं। जीवन में परिवर्तन से इन्हें चिढ़ सी होती है। इन्हें अलग माहौल में रहना अच्छा नहीं लगता है। अपने से उच्च पदों पर आसीन लोगों को और वृद्धजनों को आदर की नजर से देखते हैं।
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