झाबुआ। तीर्थंकर परमात्मा श्री महावीर स्वामीजी ने अनेकान्तवाद एवं स्याद्ववाद धर्म के मुख्य आधार बताए। भगवान ने साधु-साध्वी एवं श्रावक-श्राविका में 4 प्रकार के धर्म की स्थापना की। साथ ही साधु मार्ग के लिए 5 महाव्रत एवं श्रावक जीवन के लिए 12 व्रतों को बताया। जिसमें विशेष रूप से अहिंसा, सत्य, अचार्य, ब्रह्राचर्य एवं अपरिग्रह के सिद्धांतों को प्रतिपादित किया। जिन का अनुसरण कर जीव अपनी आत्मा का कल्याण कर मोक्ष के शाश्वत सुख को प्राप्त कर सकते है। प्रभु के बताए हुए ये सिद्धांत आज भी प्रासंगिक है।
यह प्रवचन पर्यूषण महापर्व के दौरान युग प्रधान आचार्य श्री भद्रबाहु स्वामीजी द्वारा रचित कल्पसूत्र वाचन के अंतर्गत प्रभु महावीर स्वामीजी के जन्म वाचन के दौरान सुश्रावक संजय मेहता ने दिए। कल्पसूत्र में आज भगवान महावीर स्वामीजी के जीवन चरित्र का वाचन करते हुए भगवान की माता त्रिशला रानी द्वारा देखे गए 14 स्वपनाजी का वर्णन किया। श्री संघ के सचिव यशवंत भंडारी ने बताया कि शुक्रवार को दोपहर 3 बजे श्री महावीर स्वामी जन्म कल्याणक वाचन सुश्रावक श्री मेहता द्वारा किया गया। कार्यक्रम के पूर्व माता त्रिशला द्वारा देखे गए 14 स्वपनाजी, हाथी, वृषभ, सिंह, लक्ष्मीजी, फूल की माला, चन्दमा, सूर्य, ध्वजा, पूर्ण कलश, पद्म सरोवर, क्षीर, समुन्द्र, देव विमान, रत्नों की राशि एवं निर्धुम अग्नि आदि के चढ़ावे बोले गए। जिसमें श्री संघ के सदस्यों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। 14 स्वपनाजी को बधाकर एवं तिलक लगाकर श्री संघ की श्रीमती मांगूबेन सकलेचा ने सभी लाभार्थी परिवार की श्राविकाओं को झिलाए गए। जन्म वाचन के पश्चात् मांगीलाल कांठी ने झालर बजाकर प्रभु जन्मोत्सव की सूचना दी। प्रभु को चांदी के पालने में बिठाकर सर्वप्रथम श्री संघ के लीलाबेन भंडारी परिवार ने झूलाया। पूरा मंदिर परिसर भगवान महावीर स्वामीजी के जय-जयकारों से गूंज उठा। श्रावक-श्राविकाएं जन्मोत्सव के हर्ष में नाचने लगे एवं एक-दूसरे को बधाई देने लगे। श्रीफल वदारकर एवं मिठाई खिलाकर खुशियां मनाई गई।
भगवान महावीर स्वामीजी की निकाली गई भव्य रथयात्रा
प्रवक्ता रिंकू रूनवाल ने बताया कि श्री बावन जिनालय से प्रभु श्री महावीर स्वामीजी की भव्य रथ यात्रा शाम लगभग 4 बजे निकाली गई। रथ में भगवान को लेकर अनंश पोरवाल बैठे थे। भगवान का सारथी बनकर शास्वत-संस्कार मेहता बैठे थे। भगवान के दोनो ओर वृद्धि जगावत एवं अशलय पोरवाल चंवर ढुला रहे थे। अनिलकुमार रूनवाल द्वारा सभी श्रावकगणों को केशरिया छापे लगाए गए। श्री संघ के युवा वर्ग द्वारा भगवान महावीर स्वामी का मूल सिद्धांत जियो और जीने दो, माता त्रिशला का लाडला जय महावीर, जय-जयकार महावीर स्वामीजी की जय-जयकार आदि नारे लगाए जा रहे थे। श्रावक वर्ग द्वारा भगवान का रथ खींचा जा रहा था। श्राविकाओं द्वारा मंगल गीत गाए जा रहे थे। जगह-जगह भगवान के सम्मुख श्री संघ के सदस्यों ने अक्षत, श्रीफल से गहूंली की। रथ यात्रा रूनवाल बाजार से बाबेल चैराहा पहुंची। यहां पर हेमेंद्र सूरी युवा मंडल द्वारा यात्रा में शामिल समाजजनों के लिए ठंडाई का आयोजन किया गया। यहां पर मंडल के अध्यक्ष शालिन धारीवाल के नेतृत्व में गोलू नाकोड़ा, अंकित गौखरू, कुलदीप राठौर ने कोल्ड्रींक्स का वितरण किया। इसके पश्चात् यात्रा आजाद चैक, राजवाड़ा चैक, लक्ष्मीबाई मार्ग होते हुए पुनः बावन जिनालय पहुंची।
महाआरती उतारी गई
श्री संघ के अध्यक्ष राजेंद्र मेहता ने बताया कि रथ यात्रा बावन जिनालय पहुंची। जहां पर श्री संघ के सदस्यों द्वारा आरती उतारी गई। जिसमें मुख्य मूलनायक भगवानजी की आरती एवं प्रभु महावीर स्वामीजी की महाआरती उतारी गई। आरती के पश्चात् प्रभु जन्मोत्सव की प्रसादी जयंतीलाल कोठारी परिवार द्वारा वितरित की गई। श्री आदिनाथ राजेंद्र पारमार्थिक ट्रस्ट द्वारा श्री संघ का साधर्मी वात्सल्य का आयोजन किया गया।
भव्य अंगरचना हुई
श्घ््रभु जन्मोत्सव वाचन पर्व पर मंदिरजी में श्री मूलनायक आदिनाथ भगवान, श्री महावीर स्वामीजी, गौतम स्वामीजी, दादा गुरूदेव की सुंदर अंगरचना श्री संघ के सदस्यों द्वारा की गई। श्री अभा राजेंद्र जैन परिषद् अध्यक्ष भरत बाबेल ने बताया कि परम् पूज्य राष्ट्रसंत आचार्यश्री जयंतसेन सूरीश्वरजी मसा की प्रेरणा एवं आशीर्वाद से 10 से अधिक अट्ठाई आठ उपवास तप के अनुमोदन में शाम को 24 भगवान की स्तुति रूप भव्य चैवीसी का आयोजन कांतिलाल बाबेल, लीलाबेन भंडारी एवं कैलाश कटारिया परिवार द्वारा किया गया।
लड्डूओं का किया वितरण
8 दिवसीय पयूर्षण पर्व के दौरान बंटू अग्निहोत्री मित्र मंडल द्वारा प्रतिदिन जीव दया के कार्य किए जा रहे है। मित्र मंडल के अध्यक्ष बंटू अग्निहोत्री ने बताया कि मंडल द्वारा यह कार्य जीवदया प्रेमी श्री ऋषभचंद्रविजयजी मसा की प्रेरणा से किए जा रहे है। प्रथम दिन बच्चों को बिस्कीट का वितरण किया। दूसरे दिन चिकित्सालय में फल वितरण एवं तीसरे दिन आंगनवाड़ी केंद्रों में मिठाई वितरण एवं चैथे दिन जीव दया के कार्य किए गए। इसी क्रम में पांचवे दिन शुक्रवार को रंगपुरा स्थित विकलांग केंद्र में बच्चों को मिठाई का वितरण किया गया। इस अवसर पर रिंकू रूनवाल, सौरभ कोठारी, राकेश सोनावा, हितेष कांठी, लोकू माली, राजेंद्र कोठारी आदि उपस्थित थे।
यह प्रवचन पर्यूषण महापर्व के दौरान युग प्रधान आचार्य श्री भद्रबाहु स्वामीजी द्वारा रचित कल्पसूत्र वाचन के अंतर्गत प्रभु महावीर स्वामीजी के जन्म वाचन के दौरान सुश्रावक संजय मेहता ने दिए। कल्पसूत्र में आज भगवान महावीर स्वामीजी के जीवन चरित्र का वाचन करते हुए भगवान की माता त्रिशला रानी द्वारा देखे गए 14 स्वपनाजी का वर्णन किया। श्री संघ के सचिव यशवंत भंडारी ने बताया कि शुक्रवार को दोपहर 3 बजे श्री महावीर स्वामी जन्म कल्याणक वाचन सुश्रावक श्री मेहता द्वारा किया गया। कार्यक्रम के पूर्व माता त्रिशला द्वारा देखे गए 14 स्वपनाजी, हाथी, वृषभ, सिंह, लक्ष्मीजी, फूल की माला, चन्दमा, सूर्य, ध्वजा, पूर्ण कलश, पद्म सरोवर, क्षीर, समुन्द्र, देव विमान, रत्नों की राशि एवं निर्धुम अग्नि आदि के चढ़ावे बोले गए। जिसमें श्री संघ के सदस्यों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। 14 स्वपनाजी को बधाकर एवं तिलक लगाकर श्री संघ की श्रीमती मांगूबेन सकलेचा ने सभी लाभार्थी परिवार की श्राविकाओं को झिलाए गए। जन्म वाचन के पश्चात् मांगीलाल कांठी ने झालर बजाकर प्रभु जन्मोत्सव की सूचना दी। प्रभु को चांदी के पालने में बिठाकर सर्वप्रथम श्री संघ के लीलाबेन भंडारी परिवार ने झूलाया। पूरा मंदिर परिसर भगवान महावीर स्वामीजी के जय-जयकारों से गूंज उठा। श्रावक-श्राविकाएं जन्मोत्सव के हर्ष में नाचने लगे एवं एक-दूसरे को बधाई देने लगे। श्रीफल वदारकर एवं मिठाई खिलाकर खुशियां मनाई गई।
भगवान महावीर स्वामीजी की निकाली गई भव्य रथयात्रा
प्रवक्ता रिंकू रूनवाल ने बताया कि श्री बावन जिनालय से प्रभु श्री महावीर स्वामीजी की भव्य रथ यात्रा शाम लगभग 4 बजे निकाली गई। रथ में भगवान को लेकर अनंश पोरवाल बैठे थे। भगवान का सारथी बनकर शास्वत-संस्कार मेहता बैठे थे। भगवान के दोनो ओर वृद्धि जगावत एवं अशलय पोरवाल चंवर ढुला रहे थे। अनिलकुमार रूनवाल द्वारा सभी श्रावकगणों को केशरिया छापे लगाए गए। श्री संघ के युवा वर्ग द्वारा भगवान महावीर स्वामी का मूल सिद्धांत जियो और जीने दो, माता त्रिशला का लाडला जय महावीर, जय-जयकार महावीर स्वामीजी की जय-जयकार आदि नारे लगाए जा रहे थे। श्रावक वर्ग द्वारा भगवान का रथ खींचा जा रहा था। श्राविकाओं द्वारा मंगल गीत गाए जा रहे थे। जगह-जगह भगवान के सम्मुख श्री संघ के सदस्यों ने अक्षत, श्रीफल से गहूंली की। रथ यात्रा रूनवाल बाजार से बाबेल चैराहा पहुंची। यहां पर हेमेंद्र सूरी युवा मंडल द्वारा यात्रा में शामिल समाजजनों के लिए ठंडाई का आयोजन किया गया। यहां पर मंडल के अध्यक्ष शालिन धारीवाल के नेतृत्व में गोलू नाकोड़ा, अंकित गौखरू, कुलदीप राठौर ने कोल्ड्रींक्स का वितरण किया। इसके पश्चात् यात्रा आजाद चैक, राजवाड़ा चैक, लक्ष्मीबाई मार्ग होते हुए पुनः बावन जिनालय पहुंची।
महाआरती उतारी गई
श्री संघ के अध्यक्ष राजेंद्र मेहता ने बताया कि रथ यात्रा बावन जिनालय पहुंची। जहां पर श्री संघ के सदस्यों द्वारा आरती उतारी गई। जिसमें मुख्य मूलनायक भगवानजी की आरती एवं प्रभु महावीर स्वामीजी की महाआरती उतारी गई। आरती के पश्चात् प्रभु जन्मोत्सव की प्रसादी जयंतीलाल कोठारी परिवार द्वारा वितरित की गई। श्री आदिनाथ राजेंद्र पारमार्थिक ट्रस्ट द्वारा श्री संघ का साधर्मी वात्सल्य का आयोजन किया गया।
भव्य अंगरचना हुई
श्घ््रभु जन्मोत्सव वाचन पर्व पर मंदिरजी में श्री मूलनायक आदिनाथ भगवान, श्री महावीर स्वामीजी, गौतम स्वामीजी, दादा गुरूदेव की सुंदर अंगरचना श्री संघ के सदस्यों द्वारा की गई। श्री अभा राजेंद्र जैन परिषद् अध्यक्ष भरत बाबेल ने बताया कि परम् पूज्य राष्ट्रसंत आचार्यश्री जयंतसेन सूरीश्वरजी मसा की प्रेरणा एवं आशीर्वाद से 10 से अधिक अट्ठाई आठ उपवास तप के अनुमोदन में शाम को 24 भगवान की स्तुति रूप भव्य चैवीसी का आयोजन कांतिलाल बाबेल, लीलाबेन भंडारी एवं कैलाश कटारिया परिवार द्वारा किया गया।
लड्डूओं का किया वितरण
8 दिवसीय पयूर्षण पर्व के दौरान बंटू अग्निहोत्री मित्र मंडल द्वारा प्रतिदिन जीव दया के कार्य किए जा रहे है। मित्र मंडल के अध्यक्ष बंटू अग्निहोत्री ने बताया कि मंडल द्वारा यह कार्य जीवदया प्रेमी श्री ऋषभचंद्रविजयजी मसा की प्रेरणा से किए जा रहे है। प्रथम दिन बच्चों को बिस्कीट का वितरण किया। दूसरे दिन चिकित्सालय में फल वितरण एवं तीसरे दिन आंगनवाड़ी केंद्रों में मिठाई वितरण एवं चैथे दिन जीव दया के कार्य किए गए। इसी क्रम में पांचवे दिन शुक्रवार को रंगपुरा स्थित विकलांग केंद्र में बच्चों को मिठाई का वितरण किया गया। इस अवसर पर रिंकू रूनवाल, सौरभ कोठारी, राकेश सोनावा, हितेष कांठी, लोकू माली, राजेंद्र कोठारी आदि उपस्थित थे।
Post A Comment: