मंत्रालय ने शुक्रवार से शुरू हुए मुखर्जी के दो दिवसीय अरुणाचल प्रदेश दौरे पर एजेंसी की ओर से मांगी गई प्रतिक्रिया के लिखित जवाब में अपनी स्थिति स्पष्ट की है। उसने आगे कहा है कि चीन और भारत के रिश्ते विकास की राह पर सही गति को बरकरार रखे हुए हैं। दोनों पक्ष उन रास्तों की तलाश कर रहे हैं जिनसे सीमा के सवाल को दोस्ताना बातचीत के जरिये विशेष प्रतिनिधियों के बैठक में हल कर लिया जाए। 
भारत का कड़ा रुख, राष्ट्रपति ने दिया सख्त संदेश
भारत के राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने दोहराया है कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न और महत्वपूर्ण भाग है। उन्होंने इस इलाके से जुड़े इतिहास और उसके भारतीय संस्कृति से रिश्ते के कई उदाहरण दिए। उन्होंने कहा कि यह राज्य देश की ‘पूर्व को देखो’ की नीति का अहम हिस्सा है। मुखर्जी ने को अरुणाचल प्रदेश की विधानसभा में विधायकों को संबोधित कर रहे थे। वे यहां की विधानसभा को संबोधित करने वाले पहले राष्ट्रपति हैं। उन्होंने कहा कि भारत का उत्तर पूर्वी इलाका देश और दक्षिण पूर्व एशिया के बीच प्राकृतिक सेतु का काम करता है। अरुणाचल प्रदेश की सीमा तीन देशों से लगती है। इसलिए भी यहां के सीमावर्ती इलाकों का विकास बहुत जरूरी है। इस पर हमारा खास ध्यान होना चाहिए।
Post A Comment: