भोपाल/जबलपुर। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल से 466 किमी पूर्व में स्थित जबलपुर के डिण्डौरी से लगे गांव अझवार में असाधारण घटना घटी। शादी के मंडप में दुल्हन ने ही बच्चे को जन्म दिया। इससे नाराज लड़के वालों ने शादी के मंडप में खूब तमाशे किए। बात लड़ाई-झगड़े तक पहुंच गई और बरात वापस जाने को निकल पड़ी। लड़की वालों ने लाख मिन्नतें की, लेकिन लड़के वाले मानने को तैयार नहीं थे। लेकिन, दूल्हे ने साहसी कदम उठाते हुए बारात वापस ले जाने से इनकार कर दिया। नवजात बच्चे को गोद में उठाकर दूल्हे ने अग्नि के सात फेरे लिए और दुल्हन के साथ नवजात को भी घर ले गया।
शादी से पहले ही बना लिए थे शारिरिक संबंध
दरअसल, लड़का-लड़की दोनों एक दूसरे को पहले से जानते थे। इनकी गहरी दोस्ती थी। दोस्ती में ही इन्होंने साल भर पहले शारीरिक संबंध बना लिए थे। उसके बाद जब महिला गर्भवती हुई तो दोनों ने शादी का फैसला कर लिया। लेकिन, शादी के वक्त ही बच्चे का जन्म होना अपने आप में एक संयोग बन गया।
सगाई में ही किया था साथ निभाने का वादा: दूल्हे मानसिंह ने बताया कि जब हमारी सगाई हुई थी तब ही मैंने अपनी होने वाली पत्नी से जीवनभर साथ निभाने का वादा किया था।
बेटे की खुशी में हमारी खुशी: मानसिंह के पिता जोधी सिंह ने कहा कि मुझे अपने बेटे पर नाज है। मुझे लोगों की परवाह नहीं है, बेटे की खुशी में ही मेरी खुशी है।
मंडप के नीचे ही हुई थी प्रसव पीड़ा: शुक्रवार को दूल्हा मानसिंह अपने गांव अझवार से सभी रिश्तेदारों व ग्रामीण बारातियों के साथ अपनी दुल्हन को लेने के लिए बाजे-गाजे के साथ रवाना हुआ। स्वागत के लिए खड़े लड़की वालों ने बरातियों का धूमधाम से स्वागत किया और दूल्हे को मंडप में ले गए। सजधज के दुल्हन भी मंडप में पहुंची। प्रारंभिक रस्मों के बाद दूल्हा-दुल्हन जैसे ही फेरों के लिए खड़े हुए दुल्हन असहनीय पेट दर्द के कारण जमीन पर गिर गई। इससे पहले की लोग कुछ समझ पाते दुल्हन ने एक बच्चे को जन्म दे दिया।
बरातियों ने खूब सुनाई खरी-खोटी: जैसे ही बारातियों को इस बारे में पता चला कि दुल्हन ने एक बेटे को जन्म दिया है, उन्होंने दुल्हन एवं उसके परिवार को खरी-खोटी सुनाई और शादी तोडऩे की बात कहते हुए दूल्हे को अपने साथ चलने के लिए कह दिया।
दूल्हे ने दिखाया साहस: रिश्तेदारों और परिवार के कहने पर भी दूल्हा मानसिंह शादी से वापस जाने को तैयार नहीं हुआ। उसने उसी लड़की से शादी करने की जिद पकड़ ली और मंडप से हिला तक नहीं।
Post A Comment: