झाबुआ /विश्व स्तनपान सप्ताह 1 अगस्त से 7 अगस्त तक मनाया जायेगा। स्तनपान सप्ताह के दौरान माताओं को बच्चें को स्तनपान करवाने के लिए प्रेरित करने के लिए आज 31 जुलाई को मीडिया कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में कलेक्टर श्री बी.चन्द्रश्ेाखर ने मीडिया प्रतिनिधियों से संकल्प लिया कि वे समाज में व्याप्त कुरीतियों को दूर करने एवं माॅ. अपने बच्चे को जन्म के तत्काल बाद से स्तनपान कराये संबंधी समाचार निरंतर प्रकाशित प्रसारित करे। कार्यशाला में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ श्रीमती रजनी डावर सहित मीडिया प्रतिनिधि उपस्थित थे।
कार्यशाला में कलेक्टर श्री बी. चन्द्रशेखर ने जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास सुश्री नीलू भट्ट को निर्देशित किया कि स्तनपान सप्ताह का पूरे सप्ताह का कार्यक्रम फेसबुक पर डाले। समाज में व्याप्त कुरीतियों को दूर करने में सरपंच, तडवी, एवं पटेल को भी शामिल करे। एनआरएलएम के स्वयं सहायता समूह एवं जनअभियान परिषद की प्रस्फुटन समितियों को इस कार्य से जोडे और पूरे वर्ष निरंतर प्रचार-प्रसार करवाये।
स्तनपान कराने के फायदे एवं स्तनपान नहीं कराने के दुष्परिणामों का प्रचार-प्रसार हाट-बाजारो में नुक्कड नाटक के दलों के माध्यम से करवाये।
ऽ माताओं को बताया जाये कि बच्चे को जन्म के एक घण्टे के अंदर माॅ का दूध पिलाया जाये।
ऽ माॅ का दूध बच्चे को पीलिया, अस्थमा, डायरिया, एलर्जी इत्यादि बीमारियों से बचाता है।
ऽ माॅ के दूध में सभी पोषक तत्व होते है।
ऽ माॅ का दुध बच्चे की रोगप्रतिरोधक क्षमता को बढाता है।
ऽ मां के दूध से बच्चों में उच्च बौद्धिक कौशल आता है।
ऽ बच्चे को 6 माह तक सिर्फ मां का दूध ही पिलाये और अन्य कोई बाहरी आहार नहीं दे। पानी भी नहीं मां के दूध में बच्चे के लिए पर्याप्त पानी होता है।
ऽ माताओं को बताया जाये कि यदि बच्चे को मां का दूध नहीं दिया जाता है,तो उसमें बीमारियों से लड़ने की क्षमता नहीं रहती। वह बार-बार बीमार पडता है। बच्चा कुपोषित हो जाता है। उसका शारीरिक एवं मानसिंक विकास अवरूद्ध हो जाता है।
कार्यशाला में कलेक्टर श्री बी. चन्द्रशेखर ने जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास सुश्री नीलू भट्ट को निर्देशित किया कि स्तनपान सप्ताह का पूरे सप्ताह का कार्यक्रम फेसबुक पर डाले। समाज में व्याप्त कुरीतियों को दूर करने में सरपंच, तडवी, एवं पटेल को भी शामिल करे। एनआरएलएम के स्वयं सहायता समूह एवं जनअभियान परिषद की प्रस्फुटन समितियों को इस कार्य से जोडे और पूरे वर्ष निरंतर प्रचार-प्रसार करवाये।
स्तनपान कराने के फायदे एवं स्तनपान नहीं कराने के दुष्परिणामों का प्रचार-प्रसार हाट-बाजारो में नुक्कड नाटक के दलों के माध्यम से करवाये।
ऽ माताओं को बताया जाये कि बच्चे को जन्म के एक घण्टे के अंदर माॅ का दूध पिलाया जाये।
ऽ माॅ का दूध बच्चे को पीलिया, अस्थमा, डायरिया, एलर्जी इत्यादि बीमारियों से बचाता है।
ऽ माॅ के दूध में सभी पोषक तत्व होते है।
ऽ माॅ का दुध बच्चे की रोगप्रतिरोधक क्षमता को बढाता है।
ऽ मां के दूध से बच्चों में उच्च बौद्धिक कौशल आता है।
ऽ बच्चे को 6 माह तक सिर्फ मां का दूध ही पिलाये और अन्य कोई बाहरी आहार नहीं दे। पानी भी नहीं मां के दूध में बच्चे के लिए पर्याप्त पानी होता है।
ऽ माताओं को बताया जाये कि यदि बच्चे को मां का दूध नहीं दिया जाता है,तो उसमें बीमारियों से लड़ने की क्षमता नहीं रहती। वह बार-बार बीमार पडता है। बच्चा कुपोषित हो जाता है। उसका शारीरिक एवं मानसिंक विकास अवरूद्ध हो जाता है।
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