झाबुआ 25 अगस्त 14 लाइलाज बीमारी इबोला से बचाव के लिए आज 25 अगस्त को जिला स्तरीय टास्क फोर्स की बैठक कलेक्टर कक्ष में संपन्न हुई। बैठक की अध्यक्षता प्रभारी कलेक्टर श्री धनराजू एस. ने की। बैठक में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. रजनी डावर ने बताया कि इबोला बीमारी चिम्पजाी गोरिल्ला, चमगादड मृतपशु इत्यादि के संपर्क में आने से हो सकती है। 
ऽ इबोला बीमारी का कोई उपचार नहीं है और इस बीमारी से बचने के लिए इबोला मरीज के साथ सीधे संपर्क से बचना चाहिए।
ऽ इबोला वायरस साबुन ब्लीच से नष्ट हो सकता है। इसलिए बार-बार साबुन से हाथ धोये।
ऽ इस बीमारी के वायरस से सरदर्द बुखार, उल्टी दस्त,ब्रेन डेमेज तक होता है।
ऽ भोजन को अच्छा पक्का कर खाये।
ऽ बुखार आने पर तत्काल डाॅक्टार से संपर्क करे।
ऽ संक्रमित व्यक्ति को छुवे नहीं।
ऽ बदंर चमगादड इत्यादि के साथ नहीं खेले।
ऽ पक्षियों के द्वारा खाये गये फल इत्यादि नहीं खाये।
ऽ इबोला बीमारी का कोई उपचार नहीं है और इस बीमारी से बचने के लिए इबोला मरीज के साथ सीधे संपर्क से बचना चाहिए।
ऽ इबोला वायरस साबुन ब्लीच से नष्ट हो सकता है। इसलिए बार-बार साबुन से हाथ धोये।
ऽ इस बीमारी के वायरस से सरदर्द बुखार, उल्टी दस्त,ब्रेन डेमेज तक होता है।
ऽ भोजन को अच्छा पक्का कर खाये।
ऽ बुखार आने पर तत्काल डाॅक्टार से संपर्क करे।
ऽ संक्रमित व्यक्ति को छुवे नहीं।
ऽ बदंर चमगादड इत्यादि के साथ नहीं खेले।
ऽ पक्षियों के द्वारा खाये गये फल इत्यादि नहीं खाये।
Post A Comment: