शनि जयंती पर हुआ कवि सम्मेलन का आयोजन

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झाबुआ।  श्री पदमवंशीय मेवाडा राठौर तेली समाज के तत्वावधान में तीन दिवसीय श्री शनि जयंति महोत्सव 13 से 15 मई तक हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। इसी तारतम्य में 13 मई रविवार को अखिल भारतीय साहित्य परिषद के बैनर तले मंदिर परिसर में रात्रि 8.30 बजे विराट कवि सम्मेलन का आयोजन हुआ। आमंत्रित कवियों में प्रख्यात साहित्यकार डा. रामशंकर चंचल, पं. गणेशप्रसाद उपाध्याय, डा. अंजना मुवेल, मनोज जैन मनोकामना, सुरेश समीर, केलाश राठौर, भेरूसिंह चौहौन तरंग, प्रकाश त्रिवेदी, प्रवीण सोनी पुष्प, जगदीश राघव एवं तुशार राठौर मंचासीन थे। कवि सम्मेलन के सूत्रधार अभासाप के जिला संयोजक साहित्यकार कवि भेरूसिंह चौहान तंरग थे। इस अवसर पर आमंत्रित कवियों ने एक से बढकर एक हास्य, वीर एवं श्रृंगार रस की कविताओं से रसिक श्रोताओं को मंत्र मुग्ध कर अंत तक बांधे रखा। 
       कवि सम्मेलन की शुरूआत मां सरस्वती एवं श्री शनि देव भगवान के चित्र पर समाज के पदाधिकारी, वरिष्ठजन एवं कवियों ने माल्यार्पण एवं दीप प्रज्जवल कर की। डा. रामशंकर चंचल ने सरस्वती वंदना, जब कभी भाषा बुलाये एक तुलसी भेज देना. के साथ ही श्रृंगार रस की रचनाए प्रस्तुत की। नागदा जक्शन से पधारे कवि कैलाश राठौर ने सबका मालिका एक... सुनाकर श्रोताओं को भाव विभोर कर दिया। प्रकाश त्रिवेदी ने नई फसल के गीत गुज रहे है, खेतो में खलिहानों में...। मनोज जैन ने दीप तेरे दर पे जला के आया हुं गीत से सबका मन मोह लिया। सुरेश समीर ने शनि वंदना से माहौल को भक्तिमय बना दिया। डा. अंजना मुवेल ने छेडा जब राग तुने हास परिहास...। जगदीश राघव ने रोज यु ही दिल को समझाना पडता है...उसकी याद में गाना पढता है को सराहा गया। भेरूसिंह चौहान तंरग ने मातृत्व दिवस के अवसर पर जगत जननी माता को समर्पित गली मौहल्ले चौराहों पर माता का दरबार लगा... तेरा भक्तों का हे तांता चारों और जयकार लगा... गीत की प्रस्तुति से सभी को मंत्र मुग्ध कर दिया। इसके साथ ही हांस्य की जल संकट, गणपति बाप्पा मोरिया, माछलिया घाट सहित वीर रस की कविता से बांध रखा। प्रवीण सोनी पुष्प ने पत्रकारों को रेखांकित करते हुए मे पत्रकार हुं कलमकार हुं के साथ ही नारी जीवन पर अपनी सशक्त रचना प्र्रस्तुत की। कार्यक्रम का सफल संचालन करते हुए पं. गणेशप्रसाद उपाध्याय ने हांस्य रस की उठ मुर्दे मशानघाट के... कविता से सबकों गुदगुदाया। तुषार राठौर ने अपने मधुर कंठ से सरस्वती वंदना के साथ ही मुक्तक की प्रस्तुति दी। 
कवियों का किया सम्मान
शनि जयंति महोत्सव के अवसर पर आयोजित कवि सम्मेलन में आंमि़त्रत समस्त कवियों का पुष्पमाला एवं प्रतिक चिन्ह भेटकर राठौर समाज के पदाधिकारियों एवं समाजजनों ने स्वागत किया। कार्यक्रम देर रात तक चलता रहा और रसिक श्रोताओं ने काव्यपाठ का आनंद लिया। कार्यक्रम के अंत में प्रख्यात साहित्यकार एवं मप्र शासन में मंत्री रहे पूर्व सांसद बालकवि बैरागी के निधन पर दो मिनिट का मौन रखकर श्रंद्वाजलि अर्पित की। 
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झाबुआ

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