झाबुआ। स्थानीय पुलिस लाइन शंकर मंदिर विगत 1 माह से अव्यवस्थाओं की जाल में उलझ कर रह गया है। पुलिस लाइन शंकर मंदिर गोपेश्वर महादेव मंदिर पुलिस विभाग का होने से यहां की देखरेख भी पुलिस विभाग ही वर्षों से करता आ रहा है लेकिन विगत 1 माह से इस मंदिर की देखरेख पुजारी को हटाने से भगवान भरोसे हो गई है मंदिर के चारों तरफ गंदगी का साम्राज्य फैला हुआ है वही भगवान भोले शंकर को जल चढ़ाने के लिए भी जल मुहैया नहीं हो पा रहा है मंदिर का सारा सामान अस्त-व्यस्त होने के कारण मंदिर में अवस्था दिखाई दे रही है। कई बार तो मंदिर की लाइटें दर्शनार्थियों के चले जाने के बाद रात भर जलती रहती है कोई भी व्यक्ति नहीं होने के कारण उन्हें बंद करने वाला भी कोई नहीं होता है।
वही चोर उचक्के का भई भी बना हुआ है अधिकांश समय मंदिर में कोई भी व्यक्ति नियुक्त नहीं होने के कारण लापरवाही का आलम नजर आ रहा है। अब यही कहा जा सकता है कि भोले हुए भगवान भरोसे। इस मंदिर में पहली बार अव्यवस्थाए इस कदर हावी हुई है अभी तक जब से यह मंदिर था तब से एक व्यक्ति जिसे भी नियुक्त कर के मंदिर की देखरेख करता था लेकिन इस बार पुजारी को हटाने के कारण बिना देखरेख के मंदिर का पूरा कामकाज चल रहा है। पहली बार यहां पूजा करने के लिए पुजारी तक विगत 1 माह से नियुक्त नहीं होने से जहां देखो वहां गंदगी का साम्राज्य वह अवस्था हावी हो चुकी है। समय पर पूजा-पाठ भी नहीं हो पा रही है।
मंदिर को खोलने और बंद करने का भी कोई व्यक्ति नहीं है जिसके कारण अर्द्धरात्रि को भी मंदिर कई बार तो खुला रह जाता है। पुलिस विभाग का अड़ियल रवैया के कारण इस मंदिर में अव्यवस्थाओं का बोलबाला हो रहा है जिससे दर्शनार्थी काफी नाराज से दिखाई दे रहे हैं गोपेश्वर महादेव मंदिर में कोई भी पुजारी व कर्मचारी नियुक्त नहीं होने के कारण रात को भी भोले का दरबार खुला का खुला रह जाता है जिससे कई प्रकार की अपराध का भई भी बना रहता है। इस मंदिर में दर्शनार्थियों के लिए सुबह शाम वो रात्रि कालीन आती महिलाओं के लिए भी यह मंदिर खतरनाक साबित हो रहा है जो कि किसी व्यक्ति के मौजूद नहीं होने के कारण कुछ भी घटनाक्रम घटित हो सकती है वही सावन महा भी नजदीक आ रहा है जिससे मंदिर की देखरेख नहीं होने के कारण दर्शनार्थी पुलिस विभाग को कोसते नजर आ रहे हैं जिसके कारण आने वाले दिनों में ऐसा ही चलता रहा तो बस से बेहतर परिणाम नजर आएंगे। पुलिस कप्तान को चाहिए कि इस मंदिर में सावन आने के पूर्व किसी एक जिम्मेदार व्यक्ति को नियुक्त कर व्यवस्था संभालने का न्योता दिया जाए जिसके कारण आने वाले दिनों में सावन महीने में दर्शनार्थियों को कोई परेशानियों का सामना नहीं करना पड़े।
वही चोर उचक्के का भई भी बना हुआ है अधिकांश समय मंदिर में कोई भी व्यक्ति नियुक्त नहीं होने के कारण लापरवाही का आलम नजर आ रहा है। अब यही कहा जा सकता है कि भोले हुए भगवान भरोसे। इस मंदिर में पहली बार अव्यवस्थाए इस कदर हावी हुई है अभी तक जब से यह मंदिर था तब से एक व्यक्ति जिसे भी नियुक्त कर के मंदिर की देखरेख करता था लेकिन इस बार पुजारी को हटाने के कारण बिना देखरेख के मंदिर का पूरा कामकाज चल रहा है। पहली बार यहां पूजा करने के लिए पुजारी तक विगत 1 माह से नियुक्त नहीं होने से जहां देखो वहां गंदगी का साम्राज्य वह अवस्था हावी हो चुकी है। समय पर पूजा-पाठ भी नहीं हो पा रही है।
मंदिर को खोलने और बंद करने का भी कोई व्यक्ति नहीं है जिसके कारण अर्द्धरात्रि को भी मंदिर कई बार तो खुला रह जाता है। पुलिस विभाग का अड़ियल रवैया के कारण इस मंदिर में अव्यवस्थाओं का बोलबाला हो रहा है जिससे दर्शनार्थी काफी नाराज से दिखाई दे रहे हैं गोपेश्वर महादेव मंदिर में कोई भी पुजारी व कर्मचारी नियुक्त नहीं होने के कारण रात को भी भोले का दरबार खुला का खुला रह जाता है जिससे कई प्रकार की अपराध का भई भी बना रहता है। इस मंदिर में दर्शनार्थियों के लिए सुबह शाम वो रात्रि कालीन आती महिलाओं के लिए भी यह मंदिर खतरनाक साबित हो रहा है जो कि किसी व्यक्ति के मौजूद नहीं होने के कारण कुछ भी घटनाक्रम घटित हो सकती है वही सावन महा भी नजदीक आ रहा है जिससे मंदिर की देखरेख नहीं होने के कारण दर्शनार्थी पुलिस विभाग को कोसते नजर आ रहे हैं जिसके कारण आने वाले दिनों में ऐसा ही चलता रहा तो बस से बेहतर परिणाम नजर आएंगे। पुलिस कप्तान को चाहिए कि इस मंदिर में सावन आने के पूर्व किसी एक जिम्मेदार व्यक्ति को नियुक्त कर व्यवस्था संभालने का न्योता दिया जाए जिसके कारण आने वाले दिनों में सावन महीने में दर्शनार्थियों को कोई परेशानियों का सामना नहीं करना पड़े।
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