कृषि उपज मण्डियों में हम्माली, तुलाई आदि की नई दरें निर्धारित
प्रदेश की सभी कृषि उपज मण्डियों में इन दिनां जारी उपार्जन सीजन वर्ष 2018-19 के लिये मध्यप्रदेश राज्य कृषि विपणन बोर्ड ने राज्यस्तरीय हम्माली, तुलाई और अन्य दरों का निर्धारण कर दिया है। इस संबंध में सभी कृषि उपज मण्डियों को निर्देश भी जारी किये गये हैं। निर्धारित दरों के अनुसार ट्रेक्टर से उतार कर ढेरी लगाने एवं बोरे भरने की दर 7 रुपये प्रति क्विंटल, तुलाई की दर 2 रुपये प्रति क्विंटल, 7 से 8 बोरी की ऊँची थप्पी लगाने के लिये अतिरिक्त श्रम की दर 2 रुपये प्रति क्विंटल, बोरा सिलाई की दर 50 पैसे प्रति बोरा, टेग लगाने की दर 50 पैसे प्रति बोरा और बारदानों में स्टेनसील लगाने की दर एक रुपये प्रति बोरा हो गई है। उक्त सभी दरें मण्डियों में 9 जून, 2018 तक प्रभावशील रहेंगी। प्रदेश की कृषि उपज मण्डियों में तुलाई और हम्माली की अलग-अलग दरें प्रचलित होने से उपार्जन एजेंसियों को केन्द्र सरकार से भुगतान प्राप्त करने के लिये बिल तैयार करने में कठिनाइयाँ होती थी। इन दिक्कतों को देखते हुए मध्यप्रदेश राज्य कृषि विपणन बोर्ड ने नवीन दरों का निरधारण किया है
प्रदेश की सभी कृषि उपज मण्डियों में इन दिनां जारी उपार्जन सीजन वर्ष 2018-19 के लिये मध्यप्रदेश राज्य कृषि विपणन बोर्ड ने राज्यस्तरीय हम्माली, तुलाई और अन्य दरों का निर्धारण कर दिया है। इस संबंध में सभी कृषि उपज मण्डियों को निर्देश भी जारी किये गये हैं। निर्धारित दरों के अनुसार ट्रेक्टर से उतार कर ढेरी लगाने एवं बोरे भरने की दर 7 रुपये प्रति क्विंटल, तुलाई की दर 2 रुपये प्रति क्विंटल, 7 से 8 बोरी की ऊँची थप्पी लगाने के लिये अतिरिक्त श्रम की दर 2 रुपये प्रति क्विंटल, बोरा सिलाई की दर 50 पैसे प्रति बोरा, टेग लगाने की दर 50 पैसे प्रति बोरा और बारदानों में स्टेनसील लगाने की दर एक रुपये प्रति बोरा हो गई है। उक्त सभी दरें मण्डियों में 9 जून, 2018 तक प्रभावशील रहेंगी। प्रदेश की कृषि उपज मण्डियों में तुलाई और हम्माली की अलग-अलग दरें प्रचलित होने से उपार्जन एजेंसियों को केन्द्र सरकार से भुगतान प्राप्त करने के लिये बिल तैयार करने में कठिनाइयाँ होती थी। इन दिक्कतों को देखते हुए मध्यप्रदेश राज्य कृषि विपणन बोर्ड ने नवीन दरों का निरधारण किया है
किसान स्वाइल हैल्थ मैनेजमेंट योजना का लाभ
भारत सरकार द्वारा टिकाऊ खेती को बढ़ावा देने के उद्देश्य से मृदा (स्वाइल) प्रबंधन कार्यक्रम प्रारंभ किया गया है। योजना का मुख्य उद्देश्य पोषक तत्व प्रबंधन द्वारा प्राकृतिक संसाधनों के समुचित प्रयोग करते हुए मिट्टी की गुणवत्ता एवं उर्वरता स्थायित्व को बढ़ावा देना है। स्वाइल हैल्थ मैनेजमेंट एक केन्द्रीय क्षेत्रीय योजना है।
स्वाइल हैल्थ मैनेजमेंट एवं प्रावधान के लिए प्रशिक्षण के माध्यम से मिट्टी परीक्षण प्रयोग शालाओं विस्तार अमले तथा कृषकों की क्षमता विकास एवं फील्ड प्रदर्शन- स्टॉक प्रशिक्षण 25 हजार रूपये प्रति प्रशिक्षण 20 प्रतिभागियों के लिए, कृषक प्रशिक्षण 10 हजार रूपये प्रति प्रशिक्षण 20 प्रतिभागियों के लिए, फील्ड प्रदर्शन 20 हजार प्रति फ्रण्ट लाइन फील्ड प्रदर्शन, एक एकड़ हेतु, पोर्टेबल मिट्टी परीक्षण किट 15,000 प्रति किट और सूक्ष्म तत्वों के वितरण के लिए सहायता-लागत का 50 प्रतिशत अधिकतम 500 रूपये प्रति हैक्टेयर लाभ दिया जाता हैं
भारत सरकार द्वारा टिकाऊ खेती को बढ़ावा देने के उद्देश्य से मृदा (स्वाइल) प्रबंधन कार्यक्रम प्रारंभ किया गया है। योजना का मुख्य उद्देश्य पोषक तत्व प्रबंधन द्वारा प्राकृतिक संसाधनों के समुचित प्रयोग करते हुए मिट्टी की गुणवत्ता एवं उर्वरता स्थायित्व को बढ़ावा देना है। स्वाइल हैल्थ मैनेजमेंट एक केन्द्रीय क्षेत्रीय योजना है।
स्वाइल हैल्थ मैनेजमेंट एवं प्रावधान के लिए प्रशिक्षण के माध्यम से मिट्टी परीक्षण प्रयोग शालाओं विस्तार अमले तथा कृषकों की क्षमता विकास एवं फील्ड प्रदर्शन- स्टॉक प्रशिक्षण 25 हजार रूपये प्रति प्रशिक्षण 20 प्रतिभागियों के लिए, कृषक प्रशिक्षण 10 हजार रूपये प्रति प्रशिक्षण 20 प्रतिभागियों के लिए, फील्ड प्रदर्शन 20 हजार प्रति फ्रण्ट लाइन फील्ड प्रदर्शन, एक एकड़ हेतु, पोर्टेबल मिट्टी परीक्षण किट 15,000 प्रति किट और सूक्ष्म तत्वों के वितरण के लिए सहायता-लागत का 50 प्रतिशत अधिकतम 500 रूपये प्रति हैक्टेयर लाभ दिया जाता हैं
किसान पानी का सदुपयोग कर कम पानी से अधिक फसल उत्पादन कर सकते है। इसे हेतु ग्रामीणो से अपील की गई है कि नहरों के जल का अपव्यय रोकने हेतु, नहरों को टुट-फूट होने से बचाये, नहरों से लिये गये जल की कर राशि जल संसाधन विभाग में अनिवार्य रूप से जमा करवाये। सिंचाई हेतु ड्रीप एवं फव्वारें पद्धति का उपयोग करे, जिससे जल की मात्रा की बचत हो सके। नहरों को साफ रखे, नहरों में कचरा, गंदगी इत्यादि नहीं करे, नहरों से पाइप द्वारा जल लेने के उपरांत पाइप को वॉल्व से बंद कर अपव्यय रोके। काडा अन्तर्गत खेतो तक बनने वाली पक्की नालियो हेतु मेड की जमीन देकर नालिया बनाने में सहयोग करे
मजदूरी की क्षतिपूर्ति देने के लिये है प्रधानमंत्री मातृवंदना योजना
/मध्यप्रदेश में प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना लागू की गई है। इस योजना का उद्देश्य गर्भवती महिलाओं को मजदूरी की आंशिक क्षतिपूर्ति के रूप में नकद प्रोत्साहन प्रदान करना है, ताकि प्रथम बच्चे के प्रसव के पूर्व एवं प्रसव के पश्चात उन्हें पर्याप्त आराम मिल सके तथा नकद प्रोत्साहन के माध्यम से गर्भवती महिलाओं एवं धात्री माताओं के स्वास्थ्य संबंधी व्यवहारों में सुधार लाया जा सके। इस योजना अन्तर्गत महिला मजदूर हितग्राहियों का पंजीयन होने पर पात्रतानुसार तय शर्तों को पूरा करने पर तीन किश्तों में नकद प्रोत्साहन राशि देने का प्रावधान है। इसमें गर्भावस्था का शीघ्र पंजीयन कराने हेतु पहली किश्त के रूप में 1000 रू., कम से कम एक प्रसव पूर्व जांच (गर्भावस्था के 6 माह बाद) कराने हेतु दूसरी किश्त के रूप में 2000 रू. एवं बच्चे के जन्म का पंजीकरण बच्चे के प्रथम चक्र का टीकाकरण पूर्ण होने पर तीसरी किश्त के रूप में 2000 रू. दिये जायेंगे। सत्यापन हेतु सक्षम अधिकारी द्वारा प्रमाणित मातृ एवं बाल सुरक्षा कार्ड दिखाना होगा।
/मध्यप्रदेश में प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना लागू की गई है। इस योजना का उद्देश्य गर्भवती महिलाओं को मजदूरी की आंशिक क्षतिपूर्ति के रूप में नकद प्रोत्साहन प्रदान करना है, ताकि प्रथम बच्चे के प्रसव के पूर्व एवं प्रसव के पश्चात उन्हें पर्याप्त आराम मिल सके तथा नकद प्रोत्साहन के माध्यम से गर्भवती महिलाओं एवं धात्री माताओं के स्वास्थ्य संबंधी व्यवहारों में सुधार लाया जा सके। इस योजना अन्तर्गत महिला मजदूर हितग्राहियों का पंजीयन होने पर पात्रतानुसार तय शर्तों को पूरा करने पर तीन किश्तों में नकद प्रोत्साहन राशि देने का प्रावधान है। इसमें गर्भावस्था का शीघ्र पंजीयन कराने हेतु पहली किश्त के रूप में 1000 रू., कम से कम एक प्रसव पूर्व जांच (गर्भावस्था के 6 माह बाद) कराने हेतु दूसरी किश्त के रूप में 2000 रू. एवं बच्चे के जन्म का पंजीकरण बच्चे के प्रथम चक्र का टीकाकरण पूर्ण होने पर तीसरी किश्त के रूप में 2000 रू. दिये जायेंगे। सत्यापन हेतु सक्षम अधिकारी द्वारा प्रमाणित मातृ एवं बाल सुरक्षा कार्ड दिखाना होगा।
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