वैचारिक युद्ध हथियारों के बल पर नही वरन विचारों के बल पर लडा जाता है -विभाग सह प्रचारक जुवानसिंह

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संघ का कार्यकर्ता  शक्ति एवं ज्ञान के बीच समन्वय स्थापित करके स्वप्रेरणा से काम करने वाला कार्यकर्ता है । 

नगर मे जगह जगह पुष्पवर्षा कर किया भव्य स्वागत
झाबुआ ।  राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ द्वारा दाहरा पर्व पर परम्परागत रूप से  पथ संचलन का भव्य आयोजन किया गया । चुनावी आचार संहिता के चलते प्रशासन द्वारा दी गई प्रातः 10 बजे से दोपहर 1 बजे तक कीसमय सीमा में अनुशासनबद्ध होकर करीब 500 स्वयं सेवकों द्वारा नगर में प्रभावी पथ संचलन निकाला गया ।
स्थानीय उत्कृट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के खेल मैंदान पर प्रातः 10 बजे नगर एवं अंचल के  संघ काज गंगा की धारा,नित इसमे स्नान करें,राष्ट देवता के चरणों में सारा जीवन दान करें ’’ महामंत्र के साथ अनुुशासित स्वयं सेवकों को  मुख्य वक्ता  विभाग सह प्रचारक जुवानसिंह भाबर द्वारा बौद्धिक प्रदान की गई । इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप  में मनोज भाटी, एवं नगर संघ चालक सुभा गिडवानी एवं तहसील संघ चालक सूर्यवांशी मंचासीन रहे । घ्वज वंदन के साथ बोद्धिकी का आयोजन किया गया । इस अवसर पर बोद्धिकी देते हुए विभाग सह प्रचारक जुवानसिंह भाबर ने कहा संसार मे जीवित रहने के लिये चाहे वह राष्ट हो या समाज , उसका शाक्तिाली होना जरूरी है ।दाहर पर्व पर शस्त्र पूजन करना भी शक्ति का पर्याय माना जाता है । जो  कास्ट सिद्धांतों पर अडिग रहता है वही विवशक्ति के रूप  में आगे रहता है । आज हमारा भारत दे भी विवाशक्ति के रूप  में अपना स्थान बना चुका है । वर्तमान परिप्रेक्ष्य में ह म सबकों अधिक सक्रियता से काम करने की आवशयकता है । अतित में किन कारणों से हमारा देश गुलाम रहा इस पर विचार मंथन आवशयक है। दिनों दिन स्वार्थी तत्वों की संख्या बढती जारही है और इन्ही कारणों से हमे  गुलामी का दंंश भोगना पडा है । श्री जुवानसिंह ने आगे कहा कि यदि हमारा देशक्तिाली होगा तो दुनिया भर में हमारी बाते सुनी जाती है ।भगवान भी उन्ही की मदद करता है जो शक्तिाली होता है । आज कल मीडिया में जो कुछ चल रहा है वह सर्व विदीत है।देश को चलाने वाली शक्ति ईशवर प्रदत्ता है , धार्मिकता एवं देश भक्ति के संगठन से देेश चल रहा है । इस युग मे अच्छाई एवं बुराई के बीच चलने वाला झगडा कभी समाप्त होने वाला नही है । बुराईया भूत प्रेम की तरह चारों तरफ घुमती रहती है तो कभी रावण तो कभी कंस तो कभी नक्सलवाद तो कभी आतंकवाद के रूप मे विद्यमान है । ऐसे समाज को इन आसूरी शक्तिंयो  को जवाब देना होगा । श्री भाबर ने आगे कहा कि 1947 में देेश के विभाजन के समय भी  दो प्रकार के लोग थे जहां एक इस्लामवाले देश के पक्षधर थे तो वही दूसरे जो कट्टर विचारधारा वालों की विचारधारा के समर्थक रहे थे । 1962 में भी कथित वामपंथी लोगों ने चीन आक्रमण के समय केरला एवं बंगाल में  हिन्दी चीनी भाई भाई के नारे लगा रहे थे, जन मना रहे थे । अर्थात पहले भी ऐसे तत्व थे और आज भी समाज में विद्यमान है ऐसे लोगों से सावधान रहने की जरूरत है । उन्होने आगे कहा कि हिन्दू समाज को तोडने के लिये  जाती,भाषा, सम्प्रदाय, जातीवाद के नाम पर षढयंत्र चल रहा है और समाज मे वर्ग भेद पैदा करने कोशिश की जारही हे । ऐसे नये नये संगठनों के कारण ही समाज मे भ्रम पैदा करने का काम किया जारहा है । जबकि मनुषय के लिये मानवधर्म ही मुख्य होना चाहिये। देश का भला तो सबके साथ रहने में ही निहीत है  । उन्होने गौतम बुद्ध के विहार के समय शिषयों द्वारा  तगल में एक गड्ढे मे अस्थियों के बारे में उदाहरण देते हुए कहा कि यदि संगठित होकर पानी के लिये कुआ खोदा जाता तो लक्ष्य आसान हो जाता ।उन्होने धर्मान्तरण पर भी अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसे लोग ही समाज को तोडने का काम कर रहे है जिनसे सतर्क एवं सावधान रहना होगा ।उन्होने कहा कि जिन वृक्षो की जडो में दीमक लग जाती है वह वृक्ष कभी नही पनप सकता है। सीमा पर हमारे देश के जवान मुसतेदी से दुशमन देश को जवाब दे रहे है । कशमीर मे पत्थरबाजों  को  माकुल जवाब दे रहे है । किन्तु देश को तोडने वाली ऐसी अन्दरूनी शक्तियों को कौन जवाब देगा  इसके लिये देशभक्तों को ही आगे आना पडेगा । श्री भाबर ने आगे कहा कि आरएसएस का स्वयं सेवक विशवामित्र की भूमिका में होता है । जाे शक्ति एवं ज्ञान का समन्वय करके रावण जैसे राक्षस का  अंत करने के लिये राम जैसा यौद्धा तैयार करता है । आज संघ का कार्यकर्ता  शक्ति एवं ज्ञान के बीच समन्वय स्थापित करके स्वप्रेरणा से काम करने वाला कार्यकर्ता है । हम सभी भारत माता के बेटे है हमसब का ध्येय एक ही है,देश की अखंडता को बनाये रखना । वैचारिक युद्ध हथियारों के बल पर नही वरन विचारों के बल पर लडा जाता है । उन्होने शक्ति संचार के लिये स्वयं सेवकों को प्रति दिन शाखाओं में जाकर समस्याओं के मुकाबले का आव्हान करते हुए कहा कि धर्म हमारे साथ है औ र जीत होना तय है । मै सतत काम करता रहूंगा यह भावना प्रत्येक स्वयं सेवक में होना ही चाहिये ।
उत्कृट मेदान से विशाल पथ संचलन अनुशासनबद्ध होकर निकला जिसमें सबसे आगे वाहिनी क्रमांक 1 उसके बाद ध्वज वाहिनी का प्रचल, इसके बाद घो क्रमांक 1 इसके बाद वाहिनी क्रमांक 2, 3 इसके बाद घो क्रमांक 2 इनके पीछे वाहिनी क्रमांक 4 एवं 5 ने पथ संचलन में भाग लिया ।  उत्कृठ मेंदान से प्रारंभ हुआ विािशल पथ संचलन  छतरी चौराहा बस स्टेंड से थांदलागेट, सुभाष मार्ग, कालिका माता मंदिर मार्ग, भोज मार्ग, चारभूजा मंदिर , आजाद चौक, बाबेल चोराहा, राधाकृषणमार्ग, राजवाडा चौक, लक्ष्मीबाई मार्ग, जगमोहनदास मार्ग, लक्ष्मी नगर, हाउंसिंग बोर्ड, विवेकानंद कालोनी होते हुए उत्कृट विद्यालय पर 12-45 बजे समापन हुआ । नगर में चल समारोह का जगह जगह विभिन्न समाजों, धार्मिक संस्थाओं द्वारा पुपर्वा के भव्य स्वागत किया गया । पैलेस गार्ड्न परिसर पर सकल व्यापारी संघ अध्यक्ष नीरजसिंह राठौर एवं आसरा पारमार्थिक ट्रस्ट राजेश नागर के नेतृत्व में तथा उमापति महादेव मंदिर पर उमापति महादेव महिला मंडल की महिलाओं द्वारा भव्य स्वागत कर पुपर्वा की गई ।

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jhabua

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