नई दिल्ली. आपने अपने कार्यकाल के दौरान कितनी यात्राएं कीं? राज्य में आपने कितनी जनसभाएं आयोजित कीं? आपने पार्टी पदाधिकारियों के साथ कितनी बैठकें कीं? आपने पिछले वर्ष कौन सी योजनाएं चलाईं? आप कितनी बार चुनाव हार चुके हैं? कितने संस्थागत पद अभी खाली चल रहे हैं? ये किसी आरटीआई एक्टिविस्ट के सवाल नहीं बल्कि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के चार पेज की उस प्रश्नावली में शामिल सवालों के कुछ नमूने हैं जो उन्होंने कांग्रेस पार्टी के राज्य अध्यक्षों को भेजे हैं। लोकसभा चुनाव के लिए राहुल गांधी ने कमर तो कस ली है, लेकिन जिन्हें तैयारी का दायित्व सौंपा है, वह पार्टी के काफी वरिष्ठ नेता हैं। जाहिर है कि युवा राहुल के एजेंडे में अभी युवा नहीं हैं।
राहुल गांधी ने राज्यों में जो प्रश्नावली भेजी है, वह नेताओं का भविष्य निर्धारित करेगी। वह जो उत्तर देंगे, उसी आधार पर पार्टी में उन्हें पद या टिकट मिलेगा। इतना ही नहीं, राहुल गांधी ने पूरे देश के लिए टीम भी तैयार कर दी है। अब ये अलग बात है कि इस टीम में उन्होंने जितने भी लोगों पर दांव खेला है, उनमें से ज्यादातर उम्रदराज हैं। इस टीम में उत्तर प्रदेश के लिए मधुसूदन मिस्त्री, महाराष्ट्र व मध्यप्रदेश के लिए मोहन प्रकाश, राजस्था के लिए गुरुदास कामत, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और गोवा के लिए दिग्विजय सिंह, पंजाब, दिल्ली और हरियाणा के लिए शकील अहमद, असम, बिहार और प.बंगाल के लिए सीपी जोशी, जम्म-कश्मीर, हिमाचल और उत्तराखंड के लिए अंबिका सोनी, झारखंड और छत्तीसगढ़ के लिए बीके हरिप्रसाद को रखा गया है।
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