'पाइलिन' ने ली 23 जानें, 80 लाख लोगों पर असर!

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'पाइलिन' ने ली 23 जानें, 80 लाख लोगों पर असर!     गोपालपुर/भुवनेश्वर/नई दिल्ली. चक्रवाती तूफान ‘पाइलिन’ का कहर ओडिशा-आंध्र में अभी बना रहेगा। नुकसान की पूरी रिपोर्ट 48 घंटे बाद ही मिल पाएगी। शुरुआती खबरों के मुताबिक तूफान से 23 लोगों की मौत हुई है। तूफान के बाद ओडिशा के 12 जिलों में राहत और बचाव का काम राज्य सरकार कर रही है। इन जिलों में करीब 80.53 लाख लोगों पर तूफान का असर पड़ा है
मौसम विभाग के डायरेक्‍टर जनरल डॉ. एलएस राठौड़ ने बताया कि बिहार में बाढ़ की आशंका है। उन्‍होंने कहा कि अगले 48 घंटे तक बिहार के मैदानी भागों में भारी बारिश होगी। इसके बाद नेपाल से सटे इलाकों में भारी बारिश होगी। उन्‍होंने ओडिशा में अगले 24 घंटे तक भारी बारिश और अगले 12 घंटे तक 100-110 किलोमीटर/घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलने की उम्‍मीद जाहिर की है। 
तूफान का असर झारखंड और पश्चिम बंगाल में भी दिखने लगा है। रांची में रविवार सुबह तेज बारिश हुई है। शहर में दुर्गापूजा के लिए लगाए गए पंडालों को भी नुकसान पहुंचा है। ओडिशा के खोरडा जिले में भी तेज हवाओं और बारिश की वजह से दुर्गा पूजा पंडालों को नुकसान हुआ है। तूफान की वजह से राष्‍ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने अपने गृह राज्‍य (पश्चिम बंगाल) का दौरा रद्द कर दिया है। हावड़ा-विशाखापट्टनम रूट पर चलने वाली सभी 56 ट्रेनें रद्द कर दी गई हैं। भुवनेश्वर जाने वाली उडानों पर भी ब्रेक लग गया है। मौसम विभाग के मुताबिक रविवार शाम तक छत्तीसगढ़ और बिहार में तेज आंधी-बारिश होगी। सोमवार को पूर्वी उत्तर प्रदेश और मध्‍य प्रदेश के कुछ इलाकों में बारिश संभव है। 
इस बीच, आशंका है कि एमवी बिंगो नाम का कारगो जहाज बंगाल की खाड़ी में 'पाइलिन' तूफान की भेंट चढ़ गया है। 8000 टन लौह अयस्‍क के साथ यह जहाज सागर बंदरगाह से 11 अक्‍टूबर को चीन के लिए रवाना हुआ था। जहाज पर सवार लोगों में चीन के 19 और इंडो‍नेशिया का एक नागरिक शामिल हैं। इन लोगों की तलाश जारी है।   
आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम से ओडिशा के पारादीप तक तूफान का असर हुआ है। हालांकि आंध्र प्रदेश का बड़ा हिस्‍सा तूफान से अछूता रहा है। राज्‍य के श्रीकाकुलम में तूफान का कुछ असर दिखा है। श्रीकाकुलम में करीब 100 लोग फंसे हुए हैं जिन्‍हें सुरक्षित स्‍थानों पर पहुंचाने की कोशिश हो रही है। तूफान का ओडिशा में गोपालपुर और गंजम में सबसे अधिक असर दिखा है। ताजा हालात की समीक्षा के लिए ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक ने अपने सहयोगी मंत्रियों के साथ कैबिनेट की आपात बैठक की है। 
एनडीआरएफ की 38 टीमें ओडिशा और आंध्र प्रदेश में राहत एवं बचाव कार्य में जुटी हैं। पारादीप में फंसे 18 मछुआरों को सुरक्षित स्‍थान पर ले जाया गया है। राहत एवं बचाव कार्य शुरू करने के लिए इंडियन एयरफोर्स की टीमें तैनात हैं। पश्चिम बंगाल के बैरकपुर में डेरा डाले एयरफोर्स की टीमें मौसम खुलने का इंतजार कर रही हैं। वायुसेना का सबसे विशाल ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट-सी 17 ग्लोबमास्टर भी मदद के लिए उतरा। एयरफोर्स में हाल ही शामिल किया गया ग्लोबमास्टर पहली उड़ान के तौर पर भुवनेश्वर रवाना किया गया। सी-17 ग्‍लोबमास्टर इलाहाबाद से 60 ट्रूप और राहत सामग्री को लेकर भुवनेश्वर पहुंचा। ग्लोबमास्टर बीते 2 सितंबर को वायुसेना में शामिल किया गया था।
तूफान आने से पहले तेज हवाओं की जद में ओडिशा में कच्चे-पक्के मकान और पेड़ आए। ओडिशा के 12 जिलों में बत्ती गुल है। ओडिशा-आंध्र प्रदेश के तटवर्ती इलाकों में बारिश जारी है। तूफान की रफ्तार घटकर 100 किमी प्रति घंटा रह गई है। अब तूफान ओडिशा के उत्तर-उत्तर-पश्चिम इलाके की तरफ बढ़ गया है                                                              200 की रफ्तार से टकराया, हुआ कम नुकसान
बंगाल की खाड़ी से उठे इस तूफान ने सबको डरा रखा था। देश दहशत में था। आखिरकार शनिवार रात 9 बजे के करीब ओडिशा के गोपालपुर में तूफान ने जमीन पकड़ी। तब रफ्तार थी 200 किमी प्रति घंटा। लेकिन बचाव की तैयारी तूफान से बड़ी निकली। देर रात तक जान का कोई बड़ा नुकसान सामने नहीं आया। 
तूफान से पहले ही बचाव दल ने ओडिशा और आंध्र प्रदेश के तटवर्ती इलाकों से 48 घंटे के भीतर साढ़े पांच लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया था। अधिकांश तटवर्ती शहरों में बिजली गुल रखी गई। ताकि कोई हादसा न हो जाए। 6 घंटे यानी तड़के तीन बजे तक ‘पाइलिन’ खतरनाक रूप में रहा। फिर हवा की रफ्तार कम होने लगी। मौसम विभाग के महानिदेशक एलएस राठौर ने बताया कि तूफान धीरे-धीरे कमजोर होगा।'पाइलिन' ने ली 23 जानें, 80 लाख लोगों पर असर!                सबसे पहले मौसम विभाग ने दी सटीक जानकारी 
बुधवार को अंडमान निकोबार के पास चक्रवात बनने लगा था। मौसम विभाग ने दो उपग्रहों के जरिये इस पर नजर रखी। गुरुवार को बता दिया कि पाइलिन बेहद खतरनाक होने जा रहा है। जद में ओडिशा और आंध्रप्रदेश होगा। शुक्रवार को सटीक जानकारी भी दे दी - शनिवार शाम 6 से 8 के बीच तूफान ओडिशा के गोपालपुर तट पर पहुंचेगा। रफ्तार 200 से 220 किमी प्रतिघंटे की होगी। 
  तत्काल सरकार हरकत में आई 
सूचना मिलते ही ओडिशा और आंध्र सरकार ने कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द कर दी। आंध्र के हड़ताली कर्मचारी भी काम पर लौट आए। सिंगल एजेंडा तय हुआ- किसी की जान नहीं जाने देंगे। केंद्र से एनडीआरएफ और सेना की मदद मांगी। प्रभावित होने वाले जिलों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाना शुरू किया। 
...और शुरू हो गया बचाव अभियान 
केंद्र ने तीनों सेनाओं को हर जरूरी मदद पहुंचाने को कहा। एनडीआरएफ के 2 हजार जवानों की 55 टीमें रवाना की। 48 घंटे में साढ़े पांच लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया। विमान, हेलिकॉप्टर, नौसेना के जहाज, नाव को तैयार रखा। केंद्र ने पांच लाख टन अनाज पहुंचाने की व्यवस्था की।                                                                1999 से मिला सबक, चला 23 साल का सबसे बड़ा बचाव अभियान 
14 साल पहले ओडिशा में ऐसा ही तूफान आया था। तब समय पर सूचना नहीं मिलने से 10 हजार से ज्यादा मौतें हुई थी। मौसम विभाग, सरकार से लेकर बचाव टीम तक ने 1999 की गलतियों से सबक लिया। ...नतीजा सबके सामने है। 
इससे पहले 1990 में आंध्र में तूफान आने की चेतावनी के बाद 6 लाख लोग निकाले गए थे।  'पाइलिन' ने ली 23 जानें, 80 लाख लोगों पर असर!                                           रात में कम हुई दिनभर की दहशत 
अमेरिकी चेतावनी थी कि पाइलिन सुपर साइक्लोन बनेगा। हवाएं 315 किमी/घंटे की रफ्तार से चलेगी। लेकिन ऐसा हुआ नहीं। भारतीय मौसम विभाग ने बताया कि यह सुपर साइक्लोन नहीं है। सिर्फ चक्रवात है। डरने की जरूरत नहीं'पाइलिन' ने ली 23 जानें, 80 लाख लोगों पर असर!                        ।तूफानों का असर सबसे ज्यादा हमारे यहां ही 
दुनिया के सबसे भयंकर 35 ट्रॉपिकल तूफानों में से 26 बंगाल की खाड़ी में ही आए हैं। 
पिछले 200 साल में दुनियाभर में आए ट्रॉपिकल तूफानों में मरने वालों में 42 पर्सेंट बांग्लादेशी और 27 पर्सेंट भारतीय थे।  
पाइलीन पिछले 14 साल में देश में आए तूफानों में सबसे तेज है, इससे पहले 1999 में 10,000 लोग मारे गए थे। 
ओडिशा से टकराए तूफान पाइलीन का आंख यानी सेंटर ऑफ द स्ट्रॉम का दायरा करीब 15 किमी का है। 
खतरे के हैं कई नाम
पाइलीन जैसे तूफान को ऑस्ट्रेलिया में सीवियर ट्रॉपिकल साइक्लोन, अमेरिका में हरीकेन, उत्तर-पश्चिमी प्रशांत में टाइफून, अरब सागर व बंगाल की खाड़ी में सुपर साइक्लोनिक स्टॉर्म, उत्तर-पश्चिमी हिंद महासागर में वेरी इंटेंस ट्रॉपिकल साइक्लोन व दक्षिणी प्रशांत इलाके में ट्रॉपिकल साइक्लोन व हरीकेन कहते हैं। 'पाइलिन' ने ली 23 जानें, 80 लाख लोगों पर असर!                                      कितना खतरनाक है पाइलीन 
इन कैटेगरी से जानें 
कैटेगरी 1- हवाओं की गति 90-125 किमी प्रति घंटा 
असर- हल्का नुकसान व फसलों पर असर। 
कैटेगरी 2- हवाओं की गति 125-164 किमी प्रति घंटे तक। 
असर- घरों, पेड़ों व फसलों को भारी नुकसान, पावर फेल्योर का खतरा) 
कैटेगरी 3- हवाओं की गति 165-224 किमी प्रति घंटे तक। 
असर-पावर फेल्योर, दृश्यता काफी कम। 
कैटेगरी 4- हवाओं की गति 225-279 किमी प्रति घंटे तक। 
असर-खतरनाक। हवा में चीजें उड़ सकती हैं। बड़े इलाके की बिजली गुल) 
कैटेगरी 5- हवाओं की गति 280 किमी प्रति घंटे से ज्यादा। 
असर- सबसे खतरनाक, विजिबिलिटी ना के बराबर, चारों ओर भारी तबाही, सभी मानव-निर्मित ढांचों को भारी नुकसान।
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गोपालपुर/भुवनेश्वर/नई दिल्ली.

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