खुदाई के तरीके से नाराज शोभन सरकार ने छोड़ा आश्रमडीएम विजय किरण आनंद और एसपी सोनिया सिंह ने खुदाई के लिए पहला फावड़ा चलाया।

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खुदाई के तरीके से नाराज शोभन सरकार ने छोड़ा आश्रम!                                    कानपुर/फतेहपुर/उन्नाव. सपने में सोना देखने वाले एक साधु के दावे की असलियत जानने के लिए उन्नाव जिले के डौंडिया खेड़ा में खुदाई का काम दूसरे दिन भी जारी है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) और भारतीय भूगर्भीय सर्वेक्षण (जीएसआई) के विशेषज्ञों की निगरानी में खुदाई का काम हो रहा है। इसी बीच एएसआई के डायरेक्‍टर (एक्‍सप्‍लोरेशन) डॉक्‍टर सैयद जमाल हसन के दावा किया कि राजा राव राम बक्‍श सिंह के किले में 'खजाना' मिलने की संभावना नहीं के बराबर है। हसन ने दोटूक कहा कि जितने बड़े पैमाने पर सोना मिलने का दावा किया जा रहा है, उतना सोना तो किसी सूरत में नहीं मिल सकता।
आपको बता दें कि शनिवार तक एएसआई और जीएसआई की टीम महज 14 इंच ही खुदाई कर पाई। दूसरी ओर खजाने का ख्‍वाब देखने वाले बाबा शोभन सरकार ने आश्रम छोड़ दिया है। खबर है कि बाबा शोभन सरकार एएसआई के खुदाई करने के तरीके से नराज होका उन्‍नाव स्थित आश्रम से 100 किलोमीटर दूर कानपुर के एक आश्रम में चले गए हैं। शोभन सरकार ने दावा किया कि एएसआई की टीम खजाना नहीं खोज पाएगी। वह जिस रफ्तार से काम कर रही है, उस हिसाब से तो महीनों लग जाएंगे। सरकार ने कहा कि यदि खजाना जल्दी प्राप्‍त करना है तो सरकार को सेना लगानी चाहिए।
बताते चलें कि खुदाई का काम शुरू होने से पहले स्‍थानीय डीएम और एएसआई के अफसरों की बैठक हुई। उन्‍नाव के डीएम विजय किरण आनंद और एसपी सोनिया सिंह ने खुदाई के लिए पहला फावड़ा चलाया। डीएम ने कहा कि खुदाई कार्य में करीब एक महीने लग जाएगा। डीएम ने कहा कि खुदाई की वीडियो रिकॉर्डिंग कराई जा रही है। डौंडिया खेड़ा गांव में धारा 144 लागू कर दी गई है। खजाने के लिए खुदाई करने से पहले साधु शोभन सरकार ने पूजा-अर्चना की। इस घटना पर पूरे देश की निगाहें टिकी हैं। खजाने की खोज का मामला सुप्रीम कोर्ट भी पहुंच गया है। एक वकील ने सुप्रीम कोर्ट में पीआईएल दाखिल कर खजाने की खुदाई सेना की निगरानी में कराने की मांग की है। पीआईएल पर सुनवाई सोमवार को होगी। 
इस बीच, खजाने की खोज के मसले पर राजनीति भी शुरू हो गई है। विहिप के अशोक सिंघल ने कहा है कि सिर्फ एक साधु के सपने के आधार पर खुदाई करना सही नहीं है। वहीं, यूपी की सत्‍ताधारी पार्टी समाजवादी पार्टी ने कहा है कि खजाने से निकली संपत्ति पर राज्‍य सरकार का हक है।
गौरतलब है कि साधु शोभन सरकार ने दावा किया था कि 19वीं सदी के राजा राव रामबख्श सिंह के डौंडिया खेड़ा गांव स्थित किले में एक हजार टन सोना दबा है। उनका अब यह भी कहना है कि फतेहपुर के आदमपुर गांव स्थित रीवा नरेश के किले में शिव चबूतरे के पास 2500 टन सोना दबा है।
पत्र में साधु ने दावा किया है कि सरकार चाहे तो उनका आश्रम फतेहपुर में खजाने की खोज के लिए 10 लाख रुपए देगा। अगर खजाना नहीं मिला तो यह सुरक्षा निधि सरकार ही रख ले। लेकिन अगर खजाना मिला तो सोने के मूल्य का 20 फीसदी हिस्सा इलाके विकास पर खर्च हो। 
जमीन से 20 मीटर नीचे कुछ तो है
विशेषज्ञों के दल ने उन्नाव के किले में दो छेद किए थे। एएसआई के एक वरिष्ठ अफसर के मुताबिक जमीन से 20 मीटर नीचे कुछ तो है। खुदाई के बाद ही इस बारे में कुछ पता चलेगा। खुदाई के लिए 150 मीटर क्षेत्र को साफ़ तो करवा लिया गया है।

यहां पहले भी मिलता रहा है सोना-चांदी!
डौंडिया खेड़ा गांव के लोगों के मुताबिक, राजा राव राम बक्स सिंह के किले में सोने के खजाने की बात सच है। गांव की बुजुर्ग महिला, रामवती देवी (65) ने बताया कि खेतों के आसपास के टीलों में बारिश के दिनों में लोगों को सोना-चांदी अक्सर मिलता है। इस बात के गवाह गांव के करीब दर्जन भर लोग हैं। लेकिन जिसको यह धन मिलता है उसके घर दैवीय आपदा आ जाती है। वह परेशान हो जाता है। इसलिए लोग सोना-चांदी उठाने से डरने लगे।
सीताराम ने बताया कि जब उनकी उम्र दस साल की थी, तक एक बार सरकार ने यहां खुदाई करवाना चाहा था। इसके लिए करीब एक दर्जन के आसपास मजदूर भी लगाए गए थे। मजदूरों ने इस किले में जैसे ही खुदाई आरम्भ की उसी समय वहां सांपों ने हमला बोल दिया। इसमें दो मजदूर की मौत भी हो गयी थी। इसके बाद से वहां खजाने के लिए कभी खुदाई नहीं की गयी। 
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