नारायण साईं ने कार में भी रखी थीं सेक्‍स पावर बढ़ाने वाली गोलियां,

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नई दिल्‍ली. करीब दो महीने से पुलिस को चकमा दे रहे यौन उत्‍पीड़न के आरोपी नारायण साईं पर पुलिस का शिकंजा कस गया है। नारायण साईं को गुरुवार सुबह दिल्ली से सूरत लाया गया है। पूछताछ के लिए उन्हें क्राइम ब्रांच के ऑफिस ले जाया जा रहा है। पूछताछ के बाद सूरत पुलिस शाम छह बजे कोर्ट मे पेश करेगी।
नारायण साईं को मंगलवार देर रात को गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद उसे उन्हें कोर्ट में पेश किया गया, यहां से अदालत ने नारायण साईं को 24 घंटे के लिए गुजरात पुलिस को कस्‍टडी में भेज दिया। नारायण साईं की कार से 2 लाख से नकद और व्‍याग्रा की गोलियां और 6 मोबाइल फोन बरामद किए गए थे।  
बुधवार को उसे दिल्‍ली पुलिस की हिरासत में मेडिकल जांच के बाद रोहिणी कोर्ट में पेश किया गया। रोहिणी कोर्ट के बाहर बड़ी तादाद में नारायण साईं के समर्थक जुट गए। ये नारायण साईं का स्‍वागत करने के लिए फूल-मालाओं के साथ पहुंचे और कोर्ट के बाहर रास्‍ते पर साईं के स्‍वागत में फूल बिखेर दिए। समर्थकों का कहना है कि नारायण साईं के खिलाफ लगाए गए बलात्‍कार के आरोप निराधार हैं और उनके खिलाफ बड़ी साजिश की जा रही है।
दिल्‍ली और सूरत पुलिस की ज्‍वाइंट टीम ने साईं को कुरुक्षेत्र के पास पीपली से गिरफ्तार किया था। उसने जींस, टीशर्ट और पगड़ी पहन कर सिख की वेशभूषा अपना रखी थी । लेकिन, बुधवार को जब साईं को मेडिकल जांच के लिए ले जाया जा रहा था तब वह संत जैसा चोला पहने था। उसने मुस्‍कुरा कर अपने समर्थकों का अभिवादन किया 
नारायण साईं के साथ उसके सहयोगी हनुमान, भाविका, विष्‍णु और रमेश भी गिरफ्तार किए गए हैं। नारायण साईं से दिल्‍ली में क्राइम ब्रांच के अधिकारियों ने पूछताछ की। सूत्रों के मुताबिक 58 दिनों से फरार नारायण साईं ने पुलिस को बताया कि उसके सलाहकार छिपने को कह रहे थे। साईं ने यह भी बताया कि वह छिपने के क्रम में यूपी के आगरा और बिहार के सीतामढ़ी भी गया था। 
ऐसे हुई गिरफ्तारी
नारायण साईं को मोबाइल नंबर सर्विलांस की मदद से पकड़ा गया है। यह मोबाइल नंबर नारायण के ड्राइवर रमेश का था। रमेश इस मोबाइल नंबर के जरिये दूसरे ड्राइवर विष्‍णु के संपर्क में था। जिस वक्‍त नारायण साईं को गिरफ्तार किया गया उस वक्‍त उसने सिखों की वेशभूषा धारण कर रखी थी। बताया जा रहा है कि साईं ने टी शर्ट, पैंट और जैकेट पहना हुआ था। उसने नारंगी रंग की पगड़ी भी लगाई हुई थी ताकि उसे पहचाना नहीं जा सके। नारायण साईं को जब इस बात की भनक लगी कि पुलिस ने उसे घेर लिया है तो उसने भागने की कोशिश भी की। साईं जिस मकान में छिपा हुआ था उसके आसपास के सभी रास्‍तों पर पुलिस ने बैरीकेडिंग लगा रखी थी। वह एसयूवी में बैठकर वहां से निकल भागने की कोशिश कर रहा था कि पुलिस ने उसे दबोच लिया। इस ऑपरेशन में करीब 60 पुलिसवाले थे जिनकी अगुवाई दिल्‍ली पुलिस के डीसीपी कुमार ज्ञानेश कर रहे थे। 
गिरफ्तारी से बचने के लिए नारायण साईं ने बीते 15 दिनों में दर्जनों ठिकाने बदल लिए। दिल्‍ली पुलिस को सूचना मिली कि नारायण साईं कुरुक्षेत्र में एक गौशाला में छिपा हुआ है। पुलिस ने वहां दबिश दी लेकिन पुलिस को चकमा देकर वहां से फरार हो गया। वहां गिरफ्तार शख्‍स ने बताया कि नारायण साईं यहीं रुका था। पता चला कि नारायण साईं इको स्‍पोर्ट्स की तरफ भागा है। वहां पुलिस पहुंची तो नारायण वहां से भी फरार हो गया और पीपली पेट्रोल पंप पर पहुंच गया। उसे लगा कि इस बार भी वह पुलिस को चकमा देने में कामयाब रहेगा, लेकिन ऐसा नहीं हो सका और पुलिस ने उसे दबोच लिया। गिरफ्तारी के बाद नारायण साईं की पहचान की पुष्टि की गई, इसके बाद दिल्‍ली में रोहिणी क्राइम ब्रांच के दफ्तर में लाया गया। नारायण साईं पर दुष्‍कर्म की आरोप लगाने वाली बहनों में से एक ने 

प्रतिक्रिया देते हुए कहा, 'हम सत्‍य के लिए लड़ रहे हैं। सत्‍य परेशान हो सकता है, पराजित नहीं। 
 आचार्य प्रमोद कृष्‍णन ने नारायण साईं की गिरफ्तारी पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि आसाराम और नारायण साईं के कर्मों से संत समाज बदनाम हुआ है। इनके प्रति संतों के मन में कोई सहानुभूति नहीं है। 
आसाराम की प्रवक्‍ता नीलम दूबे ने भी नारायण साईं की गिरफ्तारी की पुष्टि की है। उन्‍होंने बताया कि नारायण साईं को कानूनी मदद दी जा रही है। दूबे ने यह भी कहा कि नारायण साईं को अभी तक जिस तरह की कानूनी सलाह मिली, उसी के मुताबिक उन्‍होंने फैसला लिया
क्‍या हैं आरोप
सूरत की दो बहनों ने नारायण साईं और आसाराम के खिलाफ यौन उत्‍पीड़न के आरोप लगाए थे। इसके बाद छह अक्‍टूबर को नारायण साईं के खिलाफ यौन उत्‍पीड़न का मामला दर्ज किया गया था। इसके बाद से ही वह फरार चल रहा था। कोर्ट ने नारायण साईं के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया तो पुलिस ने उसे भगोड़ा घोषित कर दिया। उसकी गिरफ्तारी के लिए पांच राज्‍यों के कई शहरों में छापेमारी की गई लेकिन वह पुलिस की गिरफ्त में आने से बचता रहा। नारायण साईं की गिरफ्तारी के लिए 16 अक्‍टूबर को दिल्‍ली में, श्‍योपुर में, 17 अक्‍टूबर को जयपुर और रतलाम में, 18 अक्‍टूबर को गाजियाबाद, 19 तारीख को आगरा और दरभंगा में जबकि 25 अक्‍टूबर को बसई में छापेमारी की गई। सूरत पुलिस ने कोर्ट में अर्जी दी थी कि अगर 10 दिसंबर तक साईं आत्मसमर्पण नहीं करता है तो उसकी प्रॉपर्टी जब्त कर ली जाएगी। 
गुजरात पुलिस ने बीते रविवार को यूपी के फैजाबाद से नारायण साईं के दो करीबियों को गिरफ्तार किया था। नारायण साईं के पिता आसाराम को एक नाबालिग के यौन उत्‍पीड़न के आरोप में बीते अगस्‍त में ही गिरफ्तार किया गया था।
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