भोजन की बर्बादी रोकने के लिये लोगों में जागरूकता आवश्यक
बच्चों में भोजन की बर्बादी रोकने की आदत डाली जाये
समारोहों में बचे अतिरिक्त भोजन को जरूरतमंदों को प्रदाय किया जाये
टीकमगढ, :- कलेक्टर श्री अभिजीत अग्रवाल ने कहा कि देश में कुपोषण एवं भुखमरी रोकने के लिये यह भी आवश्यक है कि भोजन की बर्बादी रोकी जाये। उन्होंने कहा कि लोगों को भुखमरी से बचाने के लिये शासन द्वारा खाद्य सुरक्षा/भोजन से संबंधित विभिन्न कल्याणकारी योजनायें जैसे सार्वजनिक वितरण प्रणाली, आंगनवाड़ी एवं मध्यान्ह भोजन आदि का संचालन कराया जाता है, जिसमें सरकार द्वारा करोड़ों रूपये का अनुदान दिया जाता है।
बच्चों में भोजन की बर्बादी रोकने की आदत डाली जाये
श्री अग्रवाल ने कहा कि इसके साथ ही भोजन की बर्बादी रोकने हेतु कुछ सुझावों का हर स्तर पर पालन किया जाना चाहिये। उन्होंने कहा कि स्कूलों में बच्चों को सिखाया जाये कि वह कैसे अपने घर एवं आस-पास में भोजन की बर्बादी को रोक सकते हैं। चूंकि भोजन की बर्बादी रोकने के लिये सबसे अहम आदत बदलना है। इस के संबंध में जागरूकता सभी स्कूलों में की जाये।
श्री अग्रवाल ने बताया कि एक आंकड़े के मुताबिक शादी-विवाह और अन्य समारोह में करीब 20 फीसदी भोजन बर्बाद होता है। उन्होंने कहा कि विवाह और अन्य समारोह में भोजन की बर्बादी के प्रति जागरूक बनाये जाने हेतु सभी होटल, शादी-घर व अन्य समारोह स्थल में जागरूकता संबंधी संदेश प्रदर्शित किये जायें।
समारोहों में बचे अतिरिक्त भोजन को जरूरतमंदों को प्रदाय किया जाये
श्री अग्रवाल ने बताया है कि कुछ संगठनों द्वारा भोजन की बर्बादी को रोकने के लिये समारोह स्थल से बचे अतिरिक्त भोजन को ले जाया जाकर जरूरतमंदों को प्रदाय किया जाता है। अतः जिले के ऐसे संगठनों को चिन्हित किया जाकर उसका प्रचार-प्रसार किया जाये। उन्होंने कहा कि आंगनवाड़ियों में भोजन हेतु जरूरतमंदों की जानकारी रखी जा सकती है, जिसे अतिरिक्त भोजन वितरित करने हेतु इच्छुक व्यक्तियों को दिया जा सकता है।
भोजन की बर्बादी रोककर सभी नागरिकों की भोजन संबंधी आवश्यकतों की पूर्ति की जाकर सशक्त समाज का निर्माण किया जाये
श्री अग्रवाल ने कहा कि धार्मिक स्थलों में भी भोजन की बर्बादी को रोकने की दिशा में सामूहिक रूप से प्रयास किये जायंे, ताकि सभी नागरिकों की भोजन संबंधी आवश्यकतों की पूर्ति की जाकर सशक्त समाज का निर्माण किया जा सके। ज्ञातव्य है कि संयुक्त राष्ट्र एवं कृषि संगठन की रिपोर्ट वर्ष 2017 के मुताबिक भारत में कुपोषित लोगों की संख्या करीब 90 करोड़ है, जिसमें भूख की वजह से सालाना कई हजार बच्चे दम तोड़ते हैं। एक सर्वे के मुताबिक देश में प्रतिदिन 245 करोड़ रूपये का खाना बर्बाद होता है। यह नुकसान रोकने के लिये शासन द्वारा खाद्य सुरक्षा/भोजन से संबंधित विभिन्न कल्याणकारी योजनायें जैसे सार्वजनिक वितरण प्रणाली, आंगनवाड़ी एवं मध्यान्ह भोजन आदि का संचालन कराया जाता है, जिसमें सरकार द्वारा करोड़ों रूपये का अनुदान दिया जाता है। इसके साथ ही देश में भुखमरी रोकने के लिये यह भी आवश्यक है कि भोजन की बर्बादी रोकी जाये।
बच्चों में भोजन की बर्बादी रोकने की आदत डाली जाये
समारोहों में बचे अतिरिक्त भोजन को जरूरतमंदों को प्रदाय किया जाये
टीकमगढ, :- कलेक्टर श्री अभिजीत अग्रवाल ने कहा कि देश में कुपोषण एवं भुखमरी रोकने के लिये यह भी आवश्यक है कि भोजन की बर्बादी रोकी जाये। उन्होंने कहा कि लोगों को भुखमरी से बचाने के लिये शासन द्वारा खाद्य सुरक्षा/भोजन से संबंधित विभिन्न कल्याणकारी योजनायें जैसे सार्वजनिक वितरण प्रणाली, आंगनवाड़ी एवं मध्यान्ह भोजन आदि का संचालन कराया जाता है, जिसमें सरकार द्वारा करोड़ों रूपये का अनुदान दिया जाता है।
बच्चों में भोजन की बर्बादी रोकने की आदत डाली जाये
श्री अग्रवाल ने कहा कि इसके साथ ही भोजन की बर्बादी रोकने हेतु कुछ सुझावों का हर स्तर पर पालन किया जाना चाहिये। उन्होंने कहा कि स्कूलों में बच्चों को सिखाया जाये कि वह कैसे अपने घर एवं आस-पास में भोजन की बर्बादी को रोक सकते हैं। चूंकि भोजन की बर्बादी रोकने के लिये सबसे अहम आदत बदलना है। इस के संबंध में जागरूकता सभी स्कूलों में की जाये।
श्री अग्रवाल ने बताया कि एक आंकड़े के मुताबिक शादी-विवाह और अन्य समारोह में करीब 20 फीसदी भोजन बर्बाद होता है। उन्होंने कहा कि विवाह और अन्य समारोह में भोजन की बर्बादी के प्रति जागरूक बनाये जाने हेतु सभी होटल, शादी-घर व अन्य समारोह स्थल में जागरूकता संबंधी संदेश प्रदर्शित किये जायें।
समारोहों में बचे अतिरिक्त भोजन को जरूरतमंदों को प्रदाय किया जाये
श्री अग्रवाल ने बताया है कि कुछ संगठनों द्वारा भोजन की बर्बादी को रोकने के लिये समारोह स्थल से बचे अतिरिक्त भोजन को ले जाया जाकर जरूरतमंदों को प्रदाय किया जाता है। अतः जिले के ऐसे संगठनों को चिन्हित किया जाकर उसका प्रचार-प्रसार किया जाये। उन्होंने कहा कि आंगनवाड़ियों में भोजन हेतु जरूरतमंदों की जानकारी रखी जा सकती है, जिसे अतिरिक्त भोजन वितरित करने हेतु इच्छुक व्यक्तियों को दिया जा सकता है।
भोजन की बर्बादी रोककर सभी नागरिकों की भोजन संबंधी आवश्यकतों की पूर्ति की जाकर सशक्त समाज का निर्माण किया जाये
श्री अग्रवाल ने कहा कि धार्मिक स्थलों में भी भोजन की बर्बादी को रोकने की दिशा में सामूहिक रूप से प्रयास किये जायंे, ताकि सभी नागरिकों की भोजन संबंधी आवश्यकतों की पूर्ति की जाकर सशक्त समाज का निर्माण किया जा सके। ज्ञातव्य है कि संयुक्त राष्ट्र एवं कृषि संगठन की रिपोर्ट वर्ष 2017 के मुताबिक भारत में कुपोषित लोगों की संख्या करीब 90 करोड़ है, जिसमें भूख की वजह से सालाना कई हजार बच्चे दम तोड़ते हैं। एक सर्वे के मुताबिक देश में प्रतिदिन 245 करोड़ रूपये का खाना बर्बाद होता है। यह नुकसान रोकने के लिये शासन द्वारा खाद्य सुरक्षा/भोजन से संबंधित विभिन्न कल्याणकारी योजनायें जैसे सार्वजनिक वितरण प्रणाली, आंगनवाड़ी एवं मध्यान्ह भोजन आदि का संचालन कराया जाता है, जिसमें सरकार द्वारा करोड़ों रूपये का अनुदान दिया जाता है। इसके साथ ही देश में भुखमरी रोकने के लिये यह भी आवश्यक है कि भोजन की बर्बादी रोकी जाये।
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